अतिरिक्त आय की उम्मीद में भेड़ पालन की ओर बढ़ा किसानों का रुझान
संवाद सहयोगी हीरानगर बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ खेती योग्य जमीन कम होने और बदले मौसम से फस
संवाद सहयोगी, हीरानगर : बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ खेती योग्य जमीन कम होने और बदले मौसम से फसलों के नुकसान की वजह से अब किसानों का रुझान भेड़-बकरी पालन के व्यवसाय की ओर बढ़ रहा है। हालांकि निचले क्षेत्र में बहुत कम किसान ही भेड़-बकरी पालते थे, लेकिन अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए वह खेती के साथ-साथ कोई अन्य काम भी करना चाहते हैं। इसके लिए किसानों को भेड़-बकरी पालन का धंधा फायदेमंद दिख रहा है। पशुपालन विभाग भी किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। पहाड़ी कंडी के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्र में भी किसान इस व्यवसाय को अपनाने लगे हैं। किसान सरदारी लाल, काली दास, राधेश्याम का कहना है कि पहले फसलें लगाने के बाद गांवों के कुछ लोग रोजी कमाने के लिए शहरों में चले जाते थे। अब कोविड की वजह से शहरों में भी रोजगार कम मिल रहा है। इस कारण लोग अब खेती के साथ-साथ भेड़ बकरी पाल कर आमदनी बढ़ाना चाहते हैं। आर्थिक तंगी की वजह से वह और कोई काम भी नहीं चला सकते। भेड़ बकरी पालन विभाग अगर सब्सिडी मुहैया करवाए तो छोटे व कम जमीन वाले किसान इस धंधे को अपना कर अपनी आर्थिक तंगी को दूर कर सकते हैं। भेड़-बकरी पालन विभाग के अधिकारी डा धीरज का कहना है कि भेड़-बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए विभाग प्रयासरत है। गांवों में शिविर लगाकर इसके लिए लोगों को जागरूक भी किया जाता है। पिछले साल आइएसडीएस स्कीम के तहत हीरानगर ब्लाक के 12 किसानों को भेड़-बकरियां खरीद कर दी थीं। किसानों को दस बकरी और एक बकरा या फिर दस भेड़ और एक भेड़ा खरीद कर दिए जाते हैं। अगर ज्यादा जानवर खरीदना चाहें तो इसके लिए बैंकों से कर्ज भी मिल सकता है। जिसमें सब्सिडी मुहैया कराई जाती है। जो किसान भेड़-बकरी पालन करना चाहते हैं, वह जमीन की नकल, राशनकार्ड, आधार कार्ड आदि लगा कर आवेदन कर सकते हैं।