निर्भया को इंसाफ मिलने पर महिला संगठनों ने खुशी जताई
के लिए फांसी देना ही समाधान नहीं हैक्योंकि उनके पीछे जो होते हैंवो इसके लिए भागीदार नहीं हैं। ऐसे में उनके लिए भी सोचा जाए ताकि इससे समाजिक बदलाव आए सके। इसी बीच शहर के वार्ड 7 युवाओं ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर खुशी में मिठाई बांटी। वहीं समाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र पैसिफिस्ट
जागरण संवाददाता, कठुआ : आखिरकार सात साल के बाद निर्भया को इंसाफ मिलने पर जिला कठुआ के महिला संगठनों ने खुशी जताई और देश की न्यायपालिका का दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए आभार जताया।
शुक्रवार सुबह दोषियों को फांसी की सजा मिलते ही विभिन्न संगठनों ने खुशी जताते हुए कहा कि एक बार फिर देश की न्यायपालिका ने अपराधियों को कठोर दंड देकर साबित कर दिया है कि ऐसी दरिदगी करने वालों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है। हालांकि न्याय मिलने में जो देरी हुई है, उसके लिए पीड़िता की मां को जो संघर्ष करना पड़ा है, उस पर न्यायपालिका को भी सोचना है। क्योंकि इतनी लंबी कानूनी लड़ाई लड़ कर इंसाफ पाना निर्भया की मां जैसे सब कोई नहीं होते हैं। ऐसे दोषियों को जल्द सजा का प्रावधान होना चाहिए।
महिला संगठन की सुषमा अवतार ने कहा कि निर्भया के साथ चारों दोषियों ने जो किया, उसके लिए फांसी जरूरी थी। उन्होंने कहा कि अगर देश की न्याय प्रणाली ऐसे जघन्य कृत्य करने वालों को इसी तरह से मौत की सजा सुनाएगी तो आने वाले समय में कोई ऐसा अपराध करने से पहले कई बार सोचेगा। उन्होंने कहा कि निर्भया की मां ने अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए जिस तरह से सात साल तक कोर्ट में लड़ाई लड़ी है, ऐसी मां को भी पूरा देश नमन करता है। उन बेटियों को जिनके साथ ऐसे कत्य हुए हैं, उनके दोषियों को भी ऐसे ही फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए।
इसी बीच शहर के वार्ड सात में युवाओं ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर खुशी में मिठाई बांटी। वहीं, समाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र पैसिफिस्ट ने दोषियों को सजा दिए जाने पर स्वागत किया और कहा कि 20 मार्च की सुबह देश के इतिहास में निर्भया के नाम लिखा जाएगी, जब उसे इंसाफ मिला।