नई बनी पंचायतों की इमारतों की कोई सुध नहीं ले रहा
संवाद सहयोगी, हीरानगर : पंचायती चुनाव न होने से गावों में बनी पंचायत घरों की इमारते अब बिना देखरेख क
संवाद सहयोगी, हीरानगर : पंचायती चुनाव न होने से गावों में बनी पंचायत घरों की इमारते अब बिना देखरेख के क्षतिग्रस्त होने लगी है। जब तक पंचायतें बहाल थी पंचायत घरों की देखरेख होती रही। 2016 में कार्यकाल पूरा होने के बाद से कुछ पंचायतों की इमारतों की कोई सुध नहीं ले रहा। जिनमें एक पंचायत घर मढ़ीन ब्लॉक की देवो चक पंचायत का भी है, जो इस समय पशुओं का तबेला बना हुआ है। ग्रामीण विकास विभाग ने दस साल पूर्व मांडयाल, देगू चक के बीच बनाई थी। क्षेत्र निवासी जगदीश राज, तरसेम लाल, बोध राज, नाठू राम का कहना है कि पंचायत घर की खिड़कियां व दरवाजे टूट चुके है। बारिश के दौरान पानी अन्दर भर जाता है जिससे अन्दर रखा सामान सड़ चुका है और परिसर में झाड़ियां घास उगी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों से पंचायत घर की मरम्मत के लिए विशेष फंड जारी करने की पाच सालों से माग करते आ रहे हैं फिर भी किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत घर के निर्माण पर विभाग ने लाखों रुपये खर्च किए हैं जो बेकार साबित हो रहे हैं। ग्राम सभाओं का आयोजन गांवों में पेड़ों के नीचे करना पड़ता है। उन्होंने कहा के अगर सरकार पंचायतों के चुनाव नहीं करवा सकती तो कम से कम संबंधित विभाग को पंचायत घरों की मरम्मत तो करवानी चाहिए। गौरतलब है कि हीरानगर, मढ़ीन ब्लॉकों में सामुदायिक पंचायत घरों की दर्जनों इमारते है। जो क्षतिग्रस्त हो रही हैं और कुछ पर स्थानीय लोगों ने कब्जा कर रखा है। इस संबंध में बीडीओ मढ़ीन एसएम मिर्जा का कहना है कि क्षतिग्रस्त इमारतों की मरम्मत के लिए प्रपोजल भेजा हुआ है। इसके लिए अभी फंड मंजूर नहीं हुआ।