Kathua News : दूसरे की लापरवाही ने बुझाया घर का चिराग, न्याय के लिए भटक रहा पिता
ऐसे ही एक दर्दभरी दास्तां राजबाग के सज्जन ने सुनाई। सज्जन ने बताया कि उन्होंने इसी वर्ष अप्रैल में अपना 25 साल का सैनिक बेटा मनप्रीत सिंह खोया है। सांबा में मनप्रीत की कार पुली से टकराकर नीचे गिर गई थी।
कठुआ, राकेश शर्मा : बीमारी से किसी की मौत होती है तो उस सदमे से परिवार के सदस्य समय के साथ समझौता कर जीने की राह ढूंढ लेते हैं, लेकिन अचानक सड़क हादसे में अपने स्वजन को खोने वालों को यकीन ही नहीं होता कि किसी दूसरे की लापरवाही ने उनके घर का चिराग बुझा दिया। उनकी यह पीड़ा तब और बढ़ जाती है जब आरोपित खुले घूमते हैं और वह मुआवजे के लिए दर-दर भटकते हैं। कठुआ जिला में भी ऐसे कई परिवार हैं, जिन्होंने अपना दर्द बयान किया।
धूल फांक रही है स्पीड गवर्नर मशीन : अक्सर देखा गया है कि सड़क हादसों का मुख्य कारण तेज गति और चालक की लापरवाही होती है। सरकार तेज गति पर लगाम लगाने के लिए सड़क मार्गों पर स्पीड गवर्नर लगाती है, जिससे ओवर स्पीड मापी जाती है। पांच साल पहले कठुआ जिला के लिए स्पीड गवर्नर मशीन खरीदी गईं, कुछ दिन इसे हाईवे पर लगाया गया, लेकिन उसके बाद किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। अब यह मशीन धूल फांक रही है।
आंखों के सामने बेटे को कुचलकर आगे निकल गया डंपर : छाती से बेटे का चित्र लगाकर बार-बार निहारते और आंखों से बह रहे आंसुओं के साथ चड़वाल के पूर्व सरपंच कर्ण सिंह ने बताया कि दो वर्ष पहले 17 वर्षीय बेटा राहुल चौधरी सड़क से काफी दूर खड़ा था। तभी उनकी आंखों के सामने तेज गति से ओवरलोडिड डंपर राहुल को कुचलता हुआ निकल गया। चालक की लापरवाही से हमारा पूरा परिवार उजड़ गया। जब तक मैं और राहुल की मां जिंदा है, हादसे को कभी भूल नहीं सकते। उनकी बेटी भी है, पर उसकी खुशियां भाई के साथ ही चली गई हैं, वह भी हर राखी व भैया दूज पर उसे याद करते रोती है। राहुल जूडो में राज्य स्तर का चैंपियन बनने के बाद दिल्ली में जाकर खेलने की तैयारियां कर रहा था।
मां-बाप ने बेटा, सेना ने सिपाही और संस्था ने स्वयंसेवी खोया : ऐसे ही एक दर्दभरी दास्तां राजबाग के सज्जन ने सुनाई। सज्जन ने बताया कि उन्होंने इसी वर्ष अप्रैल में अपना 25 साल का सैनिक बेटा मनप्रीत सिंह खोया है। सांबा में मनप्रीत की कार पुली से टकराकर नीचे गिर गई थी। हादसे के सात महीने बाद मनप्रीत के अभिभावक सदमे से उभर नहीं पाए हैं। इस हादसे में जहां मां-बाप ने अपना बेटा खोया, वहीं सेना ने अपना जांबाज सिपाही गंवा दिया। मनप्रीत तीन साल पहले ही सेना में भर्ती होकर देश सेवा कर रहा था। सेना में भर्ती होने से पहले मनप्रीत समाजिक संस्था जेके ब्लड डोनर्स से जुड़ा था और जरूरतमंदों को कई बार खून भी दे चुका है। हादसे से परिवार के साथ सेना और संस्था का भी नुकसान हुआ है।