तीन सालों से बंद माशका गांव का स्कूल
संवाद सहयोगी बसोहली उपमंडल में शिक्षा सुविधा को लेकर लोगों की परेशानी देखने को
संवाद सहयोगी, बसोहली : उपमंडल में शिक्षा सुविधा को लेकर लोगों की परेशानी देखने को मिलती है। कहीं स्कूल है तो बिल्डिंग नहीं कहीं स्टाफ नहीं मगर माश्का गांव में स्थित प्राइमरी स्कूल में डेस्क, कुर्सियां, टायलेट सब प्रकार की सुविधाएं हैं मगर इस सब के बावजूद इस स्कूल में पिछले तीन सालों से ताला लगा हुआ है। गांव के निवासियों अशोक कुमार, काला ठाकुर, गणेश कुमार, गरमेल सिंह आदि ने बताया कि यहां एक शिक्षिका को विभाग ने तैनात किया जो अपनी मनमर्जी से स्कूल में आती थीं। कई बार गांववासियों ने उसे समझाया मगर उसकी मनमर्जी हावी रही और अपने नौनिहालों का भविष्य संवारने के लिए स्थानीय गांववासियों ने अपने बच्चों को आसपास के अन्य स्कूलों में शिफ्ट कर दिया। अब यह स्कूल एक भूत महल बनकर रह गया है। यहां पर न तो बच्चे पढ़ने आते हैं और न ही कोई स्कूल खोलने आता है। पिछले तीन सालों से लाखों रुपये खर्च कर बनाई गई बिल्डिंग बेकार दिख रही है। इस स्कूल में एनएचपीसी ने अपनी ओर से डेस्क, कुर्सियां और अन्य कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की थी जिनका लाभ छात्रों को मिलने के बजाया बेकार गया। स्थानीय गांववासियों ने इस स्कूल को एक बार फिर से शुरू करने की मांग की है।