रिहायशी क्षेत्र में तेंदुआ की दस्तक, ग्रामीणों में दहशत
जागरण संवाददाता कठुआ कंडी क्षेत्र की राजबाग थाना अंतर्गत पड़ती लाहड़ी पंचायत के जंगलों म
जागरण संवाददाता, कठुआ: कंडी क्षेत्र की राजबाग थाना अंतर्गत पड़ती लाहड़ी पंचायत के जंगलों में विगत दो साल से सक्रिय तेंदुआ ने सैकड़ों की संख्या में पालतू पशु एवं जानवरों को मारने के बाद रिहायशी घरों में भी दस्तक देना शुरू कर दिया है। इससे ग्रामीणों में खूंखार तेंदुआ की दहशत बढ़ती जा रही है।
बीते शुक्रवार रात तेंदुए ने गांव के एक व्यक्ति की पशुशाला में घुसकर घोड़ी को मार डाला। गांव में घुसकर पशुओ को मारने की घटना के बाद ग्रामीण अब जंगली जानवरों की दहशत के साये में रहने को मजबूर हैं। हालांकि, उक्त समस्या पिछले तीन साल से बनी है, तब से लेकर अब तक सौ से ज्यादा पशु खूंखार तेंदुआ ग्रामीणों के खा चुका है। इसके चलते अब गांववासी ऐसे जानवरों को जल्द पकड़ने के लिए वन्य संरक्षण विभाग से मांग करने लगे हैं।
करीब दो हजार आबादी वाली इस पंचायत में इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें घरों के अंदर जहां पशुओं को बंधा होता है। वहां जाकर रात को हमला कर चुका है। अब की घटना में मोती सिंह की घोड़ी को तेंदुए ने मार डाला, इससे पहले भी इसकी आधा दर्जन बकरियां उसके घर में घुसकर मार चुका है। इससे गांव में दहशत बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि गांव के आसपास घना जंगल होने के कारण ऐसे हमला करने वाले जानवरों को छिपने की जगह पर्याप्त मिलती है। इससे दिन में जंगलों में छिपे रहते हैं और रात को गांवों की ओर रुख कर देते हैं। ऐसे में गांवासियों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। अब जब तक उक्त तेंदुए को वन्य जीव विभाग पकड़ता नहीं, तब तक लोगों में बनी दहशत दूर नहीं होगी।
बहरहाल, रामकोट, बिलावर, बसोहली, बनी एवं महानपुर में भी तेंदुए सक्रिय हैं। वहां भी सैकड़ों पशुओं को तेंदुआ मार कर खा चुका है। रामकोट क्षेत्र में गत वर्ष एक युवक को भी तेंदुए ने मार डाला था। जिसके चलते वहां के लोग भी जंगली जानवरों की दहशत के सायें में जीते हैं। आए दिन ऐसी घटनाएं वहां भी होती हैं, जिन्हें वन्य जीव पकड़ने का प्रयास तो करता है, लेकिन हालात जस के तस हैं। रामकोट व महानपुर क्षेत्र में तो कई बार लोगों को सड़कों पर ही तेंदुआ घूमता दिखता है, जो शिकार की तलाश में होता है। घर में बंधे पशुओं को घर के अंदर मारने की बजाय उसे वहां से घसीट कर ले जाता है और करीब एक किलोमीटर की दूरी पर ले जाकर मार छोड़ देता है।
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विगत दो वर्षो से सक्रिय गांव में तेंदुए की ताजा घटना से इतनी दहशत ग्रामीणों में है कि डर के मारे लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। रात को तो पूरा गांव शाम ढलते ही अपने घरों में कैद हो जाते हैं। हालांकि वन्य जीव विभाग से शिकायत की गई है। अब तक गांव में सैकड़ों पशु एवं पालतू जानवर खा चुका है, जिनके जानवर मार खा चुके हैं। उन्हें कोई प्रशासन से सहायता भी नहीं मिलती है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की पशु ही धन है।
- ठाकुर महेंद्र सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता, लाहड़ी पंचायत कोट्स-----
लाहड़ी पंचायत में तेंदुए के सक्रिय होने की सूचना मिली है। इसके लिए टीम जल्द ही वहां जाकर तेंदुए को ट्रैप करने का अभियान शुरू करेगी।
-बिशंभर सिंह, रेंज आफिसर, वन्य जीव विभाग, कठुआ।