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1999 से मालिकाना है भूमि, कैसे बनी तालाब : बाबू सिंह

जागरण संवाददाता, कठुआ : जिला प्रशासन द्वारा इंदिरा कॉलोनी के पास खाली भूमि को तालाब घोषित करने का व

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Dec 2018 08:55 AM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 08:55 AM (IST)
1999 से मालिकाना है भूमि, कैसे बनी तालाब : बाबू सिंह
1999 से मालिकाना है भूमि, कैसे बनी तालाब : बाबू सिंह

जागरण संवाददाता, कठुआ : जिला प्रशासन द्वारा इंदिरा कॉलोनी के पास खाली भूमि को तालाब घोषित करने का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीसरे दिन भी पूर्व मंत्री बाबू सिंह ने समर्थकों सहित धरना-प्रदर्शन किया। बाबू सिंह ने जिला प्रशासन पर मालिकाना भूमि को तालाब घोषित करने की प्रक्रिया को तानाशाही बताते हुए कहा कि मालिकाना भूमि को तालाब बताकर प्रशासन ने गड़बड़ किया है। लिहाजा प्रशासन गलती को दुरुस्त करके उक्त भूमि को राजस्व रेवेन्य रिकॉर्ड में दोबारा मालिकाना हक दे। अगर प्रशासन ऐसा नहीं किया तो धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

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शनिवार को धरने पर बैठे बाबू सिंह व उनके समर्थकों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि उक्त भूमि 1999 से राजस्व रिकॉर्ड में उनके नाम चल रही है, मगर प्रशासन ने इसे अब तालाब घोषित कर दिया है, जो कि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि उक्त भूमि 1992 में ताज मोहिउद्दीन से खरीदी थी, जो चकसोनानूपा के मालिक हैं। मगर प्रशासन ने राजस्व रिकार्ड से नाम काट कर भूमि को तालाब घोषित कर दिया। ऐसा करके छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। बाबू सिंह ने कहा कि प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा। आपको बता दें कि उक्त भूमि पर तालाब विकसित किया जा रहा था, मगर बाबू सिंह के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने उसे बंद करवा दिया है।


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