Kathua Weather: जिला में 42 एमएम वर्षा से तापमान में 17 डिग्री गिरावट, फसलों व सब्जियों के लिए उपयोगी
मौसम में बीते एक सप्ताह से आए बदलाव के बीच जिला में बुधवार सुबह से रात तक रुक-रुक वर्षा जारी रही जिसमें मौसम विभाग ने सुबह 4 बजे से शाम आठ बजे तक 42 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की है।
कठुआ, जागरण संवाददाता : मौसम में बीते एक सप्ताह से आए बदलाव के बीच जिला में बुधवार सुबह से रात तक रुक-रुक वर्षा जारी रही, जिसमें मौसम विभाग ने सुबह 4 बजे से शाम आठ बजे तक 42 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की है।
वीरवार को भी वर्षा के जारी रहने की संभावना है, शुक्रवार तक मौसम साफ होने का अनुमान लगाया गया है। मौसम में आए बदलाव के कारण जिला में अधिकतम तापमान में बीते एक सप्ताह में 17 डिग्री गिरावट दर्ज की गई है।
4 डिग्री सेल्सियस की हुई गिरावट
इसी तरह न्यूनतम तापमान में भी करीब 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट हुई है। बुधवार जिला का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहा, जो गत 22 मई को इस सीजन का सबसे अधिक 42.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ था।
इसी बीच दिन में वर्षा के कारण बाजारों में शाम को भी रौनक कम रही। वर्षा के पानी की उचित निकासी के प्रबंध नहीं होने वाले स्थानों, बाजारों की गलियों, सड़कों पर कीचड़ का वातावरण बना है। इसके साथ ही एसी कूलर तो दूर पंखों की हवा भी ठंड का अहसास दिला रही है।
9 और 10 जून के बाद फिर होगा मौसम में बदलाव
हालांकि, जून महीने का आगाज हाे चुका है और मौसम में लोग वर्षा के कारण ठंडक महसूस कर रहे हैं। अभी अगले सप्ताह 9 और 10 जून को फिर मौसम में बदलाव की संभावना जताई गई है। वहीं कृषि विशेषज्ञों के अनुसार वर्षा से धान की पनीरी लगाने और लगा चुके किसानों को काफी राहत मिली है।
कृषकों के लिए उपयोगी होगी वर्षा
इसी बीच सब्जी उत्पाद के लिए भी वर्षा लाभदायक है, क्योंकि बीते सप्ताह के अधिकतम तापमान को देखते हुए सब्जियों व धान की पनीरी लगाने की फसल के समय सिंचाई का संकट आना शुरू हो चुका था,ऐसे में ऐन मौके पर वर्षा कृषि के लिए काफी उपयोगी मानी जा रही है।
वीरवार भी मौसम में वर्षा की संभावना है, हालांकि, शुक्रवार तक मौसम साफ होने का अनुमान है। इसके बाद 9 और 10 जून को भी मौसम में फिर बदलाव की संभावना है। पहाड़ी क्षेत्र में अभी मक्की की बीजाई शुरू हुई है, इस वर्षा से जहां मैदानी क्षेत्र में किसान अभी मक्की की बिजाई शुरू न करें, उसके बाद अगली वर्षा होने पर दो दिन के बाद बीजाई कर सकते हैं।
डॉ विशाल महाजन, प्रमुख वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र ,कठुआ