नहरों में बैसाखी के दिन छोड़ा जाएगा सिंचाई के लिए पानी
जिले में कोरोना वायरस की वजह से सभी कार्यालय बंद पड़ी हुई हैं। इसके कारण विकास सहित अन्य का
जिले में कोरोना वायरस की वजह से सभी कार्यालय बंद पड़ी हुई हैं। इसके कारण विकास सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं या स्थगित हो चुके हैं, लेकिन इन सब के बीच सिंचाई विभाग कोराना वायरस के लिए जारी एहतियातों का पालन करने के साथ-साथ नहरों की वार्षिक सफाई को शेड्यूल के साथ ही करने में जुटा हुआ है। इसके चलते किसानों को हर साल की तरह इस बार भी पुराने महाराजाओं के समय से चले आ रहे 14 अप्रैल को बैसाखी के दिन नहरों में पानी मिल जाएगा और वे अपनी फसल को जरूरत के मुताबिक सिंचाई कर सकेंगे। इस समय नियमानुसार हर साल की तरह विगत तीन माह से नहर बंदी में हैं। इस दौरान सफाई की जाती है, ये क्रम पिछले कई दशकों से चला आ रहा है, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से नहरों की सफाई तय समय पर होने की आशका बन गई थी, लेकिन सिंचाई विभाग ने इस कार्य को जारी रखा है। ऐसी स्थिति में कैसे विभाग काम कर रहा है, कब नहरों में पानी छोड़ रहा है, इन सब मुद्दों पर दैनिक जागरण ने सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता ब्रह्म ज्योति से बात की, उनसे हुई बातचीत के अंश:- -लॉकडाउन में नहरों की सफाई का काम कैसे हो रहा है।
लॉकडाउन की वजह से बाहर भी मजूर लगाकर काम नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कोरोना के चलते सरकारी हिदायतें भी जारी हो चुकी हैं, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद किसानों को नहरों में पानी की तत्काल जरूरत होगी। उसी को देखते हुए विभाग पूरा कार्य बाहर साइट में मशीनों से करा रहा है, जिसे एक ऑपरेटर आपरेट करता है, इसके लिए लेबर की जरूरत नहीं होती है, ऑपरेटर जेसीबी से नहर में जमी गाद को निकाल कर उसे बाहर निकलता है, जिसे जेसीबी की सहायता से ट्रैक्टर में लोड कर लिया जाता है, अगर ट्रैक्टर न भी मिले तो गाद नहर के बाहर कर दी जाती है, उसे बाद में भी उठाया जा सकता है। जारी कायों को वे खुद और अन्य अधिकारी लगातार साइट पर जाकर निरीक्षण भी कर रहे हैं। अभी तक तो सब ठीक चल रहा है। -नहर में तय शेड्यूल के अनुसार 14 अप्रैल यानि बैसाखी वाले दिन पानी छोड़ने की तैयारी हो चुकी है।
अभी तक तय शेड्यूल के मुताबिक ही पानी नहरों में सफाई के बाद छोड़ने की तैयारी है। अगर मौसम में कोई खराबी आई तो आगे पीछे हो सकता है, लेकिन अभी तक तय शेड्यूल के मुताबिक ही काम किया जा रहा है। - इस समय नहरों में सफाई का कितना काम हो चुका है।
जिले में इस समय मुख्य कठुआ की मेन 17 किलोमीटर लंबी कनाल और उसके साथ करीब 67 किलोमीटर लंबी डिस्ट्रीब्यूटरिया व माइनर का लगभग 60 फीसद काम हो चुका है, शेष बचा अगले एक सप्ताह से पहले पूरा कर लिया जाएगा। शहर के बीचोबीच गुजरने वाली कठुआ कनाल का चकंदर फीडर से लेकर पल्ली मोड़ तक सफाई में करीब 7 मशीनें लगी हुई है। - जिला की और कौन कौन नहरों में सफाई हो रही है।
मुख्य नहर के अलावा छोटी नहरों का सफाई का काम इस समय बंद हैं, लॉकडाउन के बाद वहा लेबर से होने वाला काम बंद कर दिया गया है। इसमें बिलावर की नाज, सेरीमुनि आदि छोटी नहरें आती हैं। उनकी सफाई लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी की जा सकती है। -नहरों की सफाई का कार्य क्या टेंडर करवा कर या अलाटमेंट से होता है।
आजकल हर कार्य टेंडर और ऑनलाइन प्रक्रिया से होता है, जिले में इस समय करीब 69 लाख के टेंडर से सफाई के कार्य हुए हैं,जो अब आखिरी चरण में हैं। - सफाई के अलावा क्या मरम्मत का भी काम किया जा रहा है।
नहीं, सिर्फ सफाई का ही काम हो रहा है, मरम्मत का कार्य पल्ली के पास कुछ हुआ है, लेकिन उसे अभी अन्य छोटे नालों की तरह लंबित रखा गया है, ताकि लॉकडाउन समाप्त होने पर देखा जाएगा। - किसान नहरों में पानी छोड़े जाने की माग कर रहें होंगे।
इस बार नहीं, क्योंकि बारिश ठीकठाक हुई है,जिससे किसानों को अभी अगले दो सप्ताह तक बारिश न हो तब भी पानी की जरूरत नहीं है, गेहूं की अभी कई स्थानों पर फसल पक्की भी नहीं है।