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बारिश से तीस फीसद सब्जी की फसल प्रभावित

जागरण संवाददाता कठुआ बेमौसमी बारिश से जिले में बासमती गेहूं की फसलों के साथ-साथ सब्जिय

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 08:39 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 10:48 PM (IST)
बारिश से तीस फीसद सब्जी की फसल प्रभावित
बारिश से तीस फीसद सब्जी की फसल प्रभावित

जागरण संवाददाता, कठुआ: बेमौसमी बारिश से जिले में बासमती, गेहूं की फसलों के साथ-साथ सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे कठुआ के 30 फीसद सब्जी उगाने वाले किसानों को इस बार कैश क्रॉप्स से भारी नुकसान झेलना पड़ा है, यानी फसल के साथ-साथ सब्जियों पर भी मौसम की मार पड़ रही है। इससे किसानों को दोहरी मार पड़ रही है।

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इस बार मौसम फसल के साथ-साथ सब्जियों के लिए भी भारी पड़ा है। कठुआ के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्र में आलम ये है कि कुछ किसानों द्वारा लगाई गई फूल व बंद गोभी के पौधे जमीन से बाहर बारिश के कारण ही नहीं निकल पाये। ऐसी ही हालत कड़म की सब्जी की रही। खेतों में सब्जी की फसल बिना सब्जी के ही लगी दिख रही है। जबकि कठुआ के चंबे द बाग, वार्ड 12, नडोली, खोख्याल व नगरी आदि क्षेत्र में सब्जी की काफी खेती होती है। जिसका खपत कठुआ मंडी में ही हो जाती है, लेकिन इस बार किसान बासमती, गेहूं के साथ सब्जी की फसल से भी बिगड़े मौसम के कारण वंचित रह गए। किसानों का अब कहना है कि अगर अब मौसम साफ भी होता है तो भी सर्दी की सब्जी का मौसम खत्म हो गया है, इसलिए अब सब्जी की उम्मीद भी उनकी बेकार गई है। यहीं कारण है कि कठुआ में इस बार गोभी, मटर, बंद गोभी एवं कड़म के भाव कम नहीं हुए। गोभी 30 से 40, मटर 30 से 60 रुपये प्रतिकिलो बिका। स्थानीय सब्जी की आमद से आधे रेट रहे जाते थे।

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खेत में दो कनाल गोभी की सब्जी लगा रखी थी, लेकिन इस बार लगातार बारिश ने खेतों में लगी फसल को सब्जी ही नहीं लगने दी। बार-बार बारिश से खेतों में पानी भर जाने से जो सब्जी लगी थी, वो खराब हो गई। ये सीजन सब्जी की फसल का भी घाटे में रहा।

-मोहन लाल, नडोली कोट्स---

पारंपरिक फसल से हटकर अगर कैश क्राप्स लगाते हैं तो भी मौसम अनुकूल नहीं हो रहा है, जबकि कैश क्राप्स जल्द तैयार होने के कारण लगाई जाती है। इस बार मौसम ने उससे भी ज्यादा जल्द की, जिससे उनकी कड़म की सब्जी के फूल नहीं लग पाये।

-अमरनाथ।

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निचला और सिचाई वाला क्षेत्र होने के कारण क्षेत्र में सब्जी की अपार संभावनाएं होती है, लेकिन अगर बारिश होती है तो फसल बर्बाद होने की पूरी संभावना बन जाती है। सब्जी को एक ही बार सिचाई की जरूरत होती है, बारिश से दोहरी सिचाई खराब कर देती है।

-सुभाष चंद्र, खोख्याल कोट्स---बाक्स---

जिले में कुल 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही सब्जी उगाई जाती है, लेकिन बेमौसम बारिश ने इस बार उनकी उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है। सब्जी के लिए कठुआ जिला का निचला क्षेत्र ही उयुक्त है,लेकिन वहां पर इस बार बारिश से खेतों में पानी जमा होने के कारण सब्जी को भी काफी नुकसान हुआ है।

-बी के उपाध्याय, जिला मुख्य कृषि अधिकारी, कठुआ।


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