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सात संदिग्ध का खुलासा होने से प्रशासन व जिलावासियों में हड़कंप

लौटे स्थानीय सात संदिग्ध लोगों का खुलासा होने से अब तक कोरोना वायरस से सुरक्षित माने जा रहे जिला कठुआ में भी खतरा बन गया है। इस मामले के बाद प्रशासन सहित स्थानीय लोगों में भी हड़कंप मच गया। कठुआ जिला जिसे अब तक कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से अछूता माना जा रहा था जहां पर अभी तक संक्रमित

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 12:07 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 06:21 AM (IST)
सात संदिग्ध का खुलासा होने से प्रशासन व जिलावासियों में हड़कंप
सात संदिग्ध का खुलासा होने से प्रशासन व जिलावासियों में हड़कंप

जागरण संवाददाता, कठुआ: दिल्ली में तब्लीगी मरकज में भाग लेकर लौटे स्थानीय सात संदिग्ध का खुलासा होने के बाद कोरोना वायरस से सुरक्षित माने जा रहे कठुआ में भी खतरा मंडराने लगा है। आलम यह है कि प्रशासन सहित स्थानीय लोगों में हड़कंप मच हुआ है। कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से अछूता माने जा रहे जिले में अभी तक संक्रमित तो दूर, कोई संदिग्ध भी नहीं था। इससे लोगों में काफी राहत थी, लेकिन अब सात संदिग्ध के खुलासे होने के बाद हर कोई सहमा हुआ है। हालांकि, मामला संज्ञान में आते ही प्रशासन ने बुधवार को शहर में लॉकडाउन को और सख्त करने के निर्देश दिए है। इसके कारण शहर को पूरी तरह से सील कर दिया गया। यहां तक की आवश्यक सेवाओं एवं जरूरी सामान वाली दुकानों को भी प्रशासन ने बंद करवा दिया। इसके कारण शहर में दिनभर क‌र्फ्यू जैसे हालात बने रहे।

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पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक को आपात स्थिति में जहां कहीं खुलने की एक दिशा से व्यवस्था भी की गई थी, उसे भी बंद कर दिया गया। गली और मोहल्ले की भी दुकानें बंद करवा दी गई। शहर को अब हाई अलर्ट पर रखा गया है, जब तक पकड़े गए सातों लोगों की जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती है तब तक शहर के खासकर सातों संदिग्ध के आसपास के क्षेत्र में मेडिकल टीम को सर्विलायंस पर रख दिया गया है।

बुधवार सुबह सभी के घरों में प्रशासन ने सैनिटाइज की और आसपास के रहने वाले लोगों पर भी नजर रखने के लिए मेडिकल टीम सहित स्थानीय लोगों को सतर्क कर दिया। फिलहाल, सातों संदिग्ध को प्रशासन ने क्वारंटाइन किए हुए है। इस मामले के बाद पुलिस ने किसी को भी शाम तक घरों से नहीं निकलने दिया। चौक-चौराहों पर लॉकडाउन को सफल बनाने में जुटी पुलिस अब जरूरी कार्य के लिए घरों से निकलने वालों को भी कड़ी पूछताछ करने के बाद ही आगे बढ़ने की अनुमति दे रही है। इसके चलते शहर में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा।

दरअसल, शहर में सात लोगों के दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में भाग लेकर लौटे लोगों द्वारा अपनी जांच नहीं कराने एवं खुद का खुलासा नहीं करने को लेकर लोगों में काफी रोष है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को अब और ऐसे लोगों पर नजर रखनी चाहिए। हालांकि लोग सतर्क हैं। बुधवार सुबह वार्ड 10 के लोगों ने पांच और इस तरह के लोगों के रावी दरिया के रास्ते शहर में घुसने की प्रशासन को सूचना दी।

स्थानीय निवासी एवं श्री राम नवमी उत्सव कमेटी के प्रधान विद्यासागर शर्मा ने बताया कि प्रशासन को खासकर ऐसे लोगों की अब तलाश करनी चाहिए, जो भी मिलता है, उस पर पहले बिना जांच कराये सूचना छिपाने पर एपीडेमिक डिजीजस एक्ट के तहत मामला दर्ज करना चाहिए, जो इतने लोगों को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि लखनपुर में पुलिस प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों से आने वाले लोगों पर तो नजर रख रही है, लेकिन दूसरे अन्य मार्गो पर उतनी नहीं, जिसका फायदा उठाकर ऐसे लोग बिना जांच कराए ही अपने घरों में आकर रहने लगे। अब ये किन-किन लोगों से मिले और कहां-कहां इनकी स्थानीय स्तर पर गतिविधि रही, इसकी जांच होनी भी जरूरी है। इसके अलावा अन्यों पर भी नजर रखी जाए।

लोगों द्वारा दी गई सूचना के बाद डीसी ओपी भगत ने खुद शहर से सटे रावी दरिया के उस क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां से अन्य राज्यों के लोगों की बिना जांच कराए घुसने की संभावना बनी हुई है। उन्होंने पुलिस प्रशासन को वहां पर भी कड़ी सुरक्षा करने के निर्देश दिए।


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