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पेयजल आपूर्ति सुचारू होते देख हड़ताली कर्मी हुए आक्रामक

पीएचई के अस्थायी कर्मियों ने लंबित मांगों को लेकर जारी काम छोड़ हड़ताल पूरी तरह से प्रभावी न होने पर अब खुद आपूर्ति स्टेशन को बंद कराने का क्रम शुरू किया है ताकि हड़ताल प्रभावी बने।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 10:29 PM (IST)
पेयजल आपूर्ति सुचारू होते देख हड़ताली कर्मी हुए आक्रामक
पेयजल आपूर्ति सुचारू होते देख हड़ताली कर्मी हुए आक्रामक

जागरण संवाददाता, कठुआ: पीएचई के अस्थायी कर्मियों का लंबित मांगों को लेकर जारी काम छोड़ हड़ताल पूरी तरह से प्रभावी न होने पर अब वे खुद आपूर्ति स्टेशन को बंद कराने का क्रम शुरू कर दिया है, ताकि हड़ताल को प्रभावी बना सके।

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वीरवार को हड़ताली कर्मियों ने शहर के आपूर्ति स्टेशनों को बंद कराने का प्रयास किया। साथ ही अन्य स्थायी कर्मियों को उनके जायज आंदोलन में सहयोग करने की भी अपील की। पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले अस्थायी कर्मियों ने शहर के इरीगेशन, प्रताप नगर, पटेल नगर, शिवानगर और बरनोटी आदि ट्यूबवेलों पर जाकर आपूर्ति बंद कराने का प्रयास किया। कर्मियों ने मौके पर ट्यूबवेलों से आपूर्ति होते देख वहां तैनात कर्मियों को उनकी हड़ताल को पूरी तरह से सफल बनाने की अपील की, ताकि विभाग के अधिकारी गहरी नींद से जागे और उनकी लंबित मांगों को हल करने का प्रयास करें।

फ्रंट के शिवनारायण सिंह ने कहा कि उनकी कामछोड़ हड़ताल के बावजूद कई स्टेशनों से आपूर्ति हो रही है। इसके चलते विभाग को हड़ताल से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। हालांकि, विभाग की उनकी हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में 50 फीसद आपूर्ति ठप हो गई है। लोग परेशान हैं, लेकिन अधिकारी अपने उच्चाधिकारियों को गलत रिपोर्ट देकर हड़ताल का कोई असर नहीं होने की बात कहकर सरकार को गुमराह कर रहे हैं, जबकि सच्चाई ये है कि जिला कठुआ में उनके 1200 कर्मी हड़ताल पर है, 61 कर्मी स्थायी हैं, ऐसे में 110 स्टेशनों से आपूर्ति कैसे हो रही हैं, इसकी तस्वीर सभी के सामने है। सिर्फ शहर में ही वो भी नियमित नहीं, बल्कि बीच-बीच में आपूर्ति किया जा रहा है। उसे भी प्रभावित करने के लिए उनके फ्रंट के सदस्यों ने बंद कराया है, ये मुहिम अब जारी रहेगी, ताकि विभाग को पता चले कि अस्थायी कर्मियों के बिना आपूर्ति कैसे संभव हो पाएगी। विभाग का आज पूरा आपूर्ति का दारोमदार स्थायी कर्मियों पर निर्भर है। उन्होंने साफ कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं पूरी करती है तो हड़ताल लंबी चलेगी और आपूर्ति भी बाधित होगी। बाक्स----

अब पेयजल आपूर्ति को लेकर नहीं है मारामारी

1200 कर्मियों के हड़ताल पर होने पर भी विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि जिले में आपूर्ति आंशिक प्रभावित हो रही है। इसमें कंडी के ग्रामीण क्षेत्र के गांवों में आपूर्ति प्रभावित हो रही है, लेकिन वहां भी प्रबंध करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुल मिलकार जिले में पानी की आपूर्ति को लेकर मारामारी नहीं है। विभाग हड़ताल पर गए कर्मियों की जगह कुछ अन्य कर्मियों की सेवाएं भी लेकर आपूर्ति चलाने में सामर्थ है। विभाग के जिला कार्यकारी अभियंता सुरजीत सिंह का कहना है कि शहर में नियमित आपूर्ति के प्रबंध किए जा चुके हैं। बाक्स---

ग्रामीण आपूर्ति प्रभावित होने की कर रहे हैं शिकायतें

विभाग के अधिकारियों के दावों के बावजूद हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इसका उदाहरण गत दिवस डीसी द्वारा आउटरीच कार्यक्रम के तहत गांवों में पहुंचने पर ग्रामीणों ने पेयजल आपूर्ति की शिकायतें की और जल्द समाधान निकालने के प्रयास करने की मांग उठाई। डीसी ने ग्रामीणों को जल्द आपूर्ति बहाल कराने के आश्वासन दिए। वहीं प्रयास कार्यक्रम में भी गत दिवस अधिकांश कॉलरों ने पेयजल आपूर्ति ठप होने की शिकायतें दर्ज कराई।


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