पहाड़ी पर बर्फबारी और मैदानों में बारिश, ठंड से ठिठुरे जिलावासी
बिगड गया है। पहाडी क्षेत्रों में सप्ताह के पहले ही दिन सोमवार को बर्फभारी और मैदानी इलाकों में बारिश से ठंड मे काफी इजाफा हुआ है। जबकि बिगडे मौसम के कारण पारे में गिरवाट आई है। बिलावर में सोमवार को शाम के समय पारा चार डिग्री के करीब रहा । तो बारिश के चलते लोगों को दिनचर्या को पूरा दिन प्रभावित
जागरण संवाददाता, कठुआ: तीन दिनों तक मौसम साफ रहने के बाद सोमवार को एक बार फिर बिगड़ गया। पहाड़ी क्षेत्र बनी एवं बिलावर में पहाड़ों पर एक बार फिर बर्फबारी शुरू हो गई है, जिससे मैदानी क्षेत्रों में शीत लहर का प्रकोप बढ़ गया है। हालांकि सुबह मौसम साफ होने से बड़ी संख्या में लोग बाजारों में खरीदारी करने के लिए निकले, लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद मौसम खराब हो जाने के बाद बारिश शुरू हो गई, जो देर रात तक जारी रही।
बाजार में खरीदारी के लिए पहुंचे लोग ठंड में भींगते और ठिठुरते नजर आए। सोमवार को जिले में 6 एमएम बारिश रिकॉर्ड दर्ज की गई है। इसके कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 19.2 और न्यूनतम 6.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
दिन में घने काले बादल छाने से सड़कों पर चलने वाले वाहनों को लाइटें जलाकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ना पड़ा। बारिश से ठंड में हुए इजाफे के चलते लोग जगह-जगह आग जलाकर राहत पाने का प्रयास करते देखे गए। अगले दो दिनों तक मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है। बारिश से निचले क्षेत्र के किसानों की फिर चिताएं बढ़ गई है। लेट वैरायटी वाले किसान गेहूं की फसल अभी हाल ही बीजे हैं और कुछ बीजने की तैयारी कर रहे थे, उन्हें अब ब्रेक लगाना पड़ा है।
चंबे द बाग के किसान विजय पाल ने बताया कि अभी दो दिन पहले ही उसने गेहूं की बीजाई की थी, जो इस मौसम से फिर प्रभावित हो गई है। मौसम उन्हें बहुत खराब कर रहा है। एक तो पहले से ही फसल खराब मौसम के कारण दो महीने लेट है, अब जब लेट लगाई जा रही है तो फिर मौसम खराब करने लगा है। ऐसे में कृषि का धंधा अब घाटे का साबित होने लगा है। कोट्स---बाक्स--
अगले दो दिन तक मौसम खराब रहने की संभावना है। ऐसे में निचले क्षेत्र के किसान अभी गेहूं की बीजाई फिर रोक दें। खेतों में नमी के कारण बीजाई से गेहूं का बीज खराब हो सकता है, इसलिए मौसम साफ होने के बाद ही गेहूं की बिजाई करें। गेहूं की लेट वैरायटी की बिजाई 21 जनवरी तक की जा सकती है।
- डॉ. विशाल महाजन, मौसम वैज्ञानिक, जिला कृषि विभाग केंद्र कठुआ। बाक्स-------
मौसम के बिगडे मिजाज ने लोगों की बढ़ाई मुश्किलें
संवाद सहयोगी, बिलावर: उपजिला में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। पहाडी क्षेत्रों में सप्ताह के पहले ही दिन सोमवार को बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश से ठंड में काफी इजाफा हुआ है। बिलावर में सोमवार को शाम के समय पारा चार डिग्री के करीब रहा। बारिश के चलते लोगों को दिनचर्या भी पूरा दिन प्रभावित रहा। उपजिला की लाहोई मल्हार तहसील के सदरोता, नाठी, लोहाई मल्हार, बांजल भटवाल, देरी गला, डगरी टॉप के अलावा च्येउ, सच्चैर आदि क्षेत्र में काफी बर्फबारी हुई है। करीब दो से ढाई फुट से ज्यादा ताजा बर्फबारी होने से पहाड़ो ने सफेद चादर को ओढ़ लिया है, जिससे मैदानी इलाकों में ठंड का प्रकोप और तेज हो गया है। मौसम का मिजाज और दो दिन बिगड़ने के संकेत मौसम विभाग पहले ही कर चुका है, जिससे आम लोगों की परेशानियां आने वाले दिनो में और ज्यादा बढ़ेगी। जबकि ठंड से बचने के लिए लोग दिन भर आग का सहारा लेते नजर आयें।
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बनी की पहाड़ियों में 6 इंच से 1 फुट तक बर्फबारी
संवाद सूत्र, बनी: बीती रात से बनी क्षेत्र में काले और घने बादल छाने के साथ ही बाद दोपहर रिमझिम करती बारिश के साथ ऊंची पहाड़ियों और गांव में भी बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया, जिससे तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली। करीब 1 बजे शुरू हुई बारिश और बर्फबारी लगातार देर शाम तक जारी रही, जैसे ही बारिश का सिलसिला शुरू हुआ कस्बे में सन्नाटा छा गया और लोग घरों की और लौट गए। दुकानदार भी अपनी दुकान के बाहर आग का सहारा लेते नजर आए। डंडी गुट्टू, जोड़े माता, दोले माता, कमलोह, देरी गला आदि स्थानों पर 6 इंच से 1 फुट तक बर्फबारी हुई। 15 दिन पहले हुई बर्फबारी के कारण लोगों को राहत ही नहीं मिली थी कि दोबारा फिर बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया है, जिसके कारण लोग काफी परेशान हैं। बाक्स----
बर्फबारी के बाद लोगों ने लिया आग का सहारा
संवाद सहयोगी, बसोहली: रविवार से आसमान पर छाये बादलों ने आज बरसना शुरू कर दिया। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ के गिरने से मैदानी इलाकों में ठंड का प्रकोप जारी रहा। दिन भर लोगों को आग सेंकते देखा गया। पूरा दिन रुक रुक कर हल्की बारिश होती रही जिस कारण ठंड के कारण लोग अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हुए। बसोहली से दिखने वाली पहाड़ियां बांजल, जोड़या आदि पर बर्फ गिरने लगी है, और पहाड़ियां बर्फ की सफेद चादर में लिपटी दिखने लगी हैं। बारिश के कारण बसोहली बनी, बसोहली माश्का, बसोहली धार महानुपर एवं जंदरैली से सियालग सड़क पर फिसलन बढ़ने लगी है। बारिश के चलते किसान खुश हैं, कई दिनों से बारिश ना होने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, अब वह खुश हैं कि बारिश से फसलों में जान आएगी।