फंड के अभाव में रुकी 99 परियोजनाओं के लिए 199 करोड़ रुपये मंजूर
सरकारी व्यवस्था में प्रत्येक कार्य को अंजाम देने के लिए उसकी जिम्मेदारी अलग-अलग विभाग बनाक
सरकारी व्यवस्था में प्रत्येक कार्य को अंजाम देने के लिए उसकी जिम्मेदारी अलग-अलग विभाग बनाकर उसके अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, ताकि व्यवस्था को सुचारु चलाया जा सके और उसे जिम्मेदार बनाने के साथ-साथ जवाबदेह भी बनाया जा सके। जिले में मुख्य रूप से व्यवस्था चलाने की जिम्मेदारी जिला उपयुक्त को ही सौंपी गई होती है, जो कि विभिन्न विभागों के कार्यो की मानिटरिग करने के साथ-साथ विकास सहित अन्य कार्यो में बदलाव आदि का भी अधिकार रखता है, लेकिन जिला स्तर पर विकास की योजनाओं और उनपर होने वाले खर्च का हिसाब आदि रखने में जिले के मुख्य योजना अधिकारी की भूमिका भी अहम रहती है। ऐसे में कठुआ जिला के मुख्य योजना अधिकारी के पास मौजूदा समय में साल भर में होने वाले विकास कार्यो की क्या स्थिति है, अब तक कौन-कौन से कार्य हो चुके हैं, कितने लंबित हैं, सरकार ने लंबित कार्यो के लिए कितने फंड जारी किए और कब किए, उनमें से कितने खर्च हो चुके हैं या कितने खर्च होने हैं, इन सब मुद्दों पर दैनिक जागरण के जिला उप मुख्य संवाददाता राकेश शर्मा ने जिला कठुआ के मुख्य योजना अधिकारी उत्तम सिंह से विशेष बातचीत की, उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:- -जिले की कुल कितनी आबादी है, कितना वर्ग क्षेत्रफल में जिला फैला हुआ है।
2502 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले कठुआ जिले की जनगणना वर्ष 2011 के मुताबिक कुल आबादी 6,14,435 है, जिसमें दो सब जिला बसोहली व बिलावर हैं। दो उपमंडल है, जिसमें हीरानगर और बनी हैं। इसके अलावा 11 तहसीलें, 19 सीडी ब्लॉक एवं 257 पंचायतें और 512 गांव हैं। - सरकार विकास के लिए साल का कितना बजट जारी करती है?
अगर वित्तीय वर्ष 2018-19 की बात करें तो सरकार ने 16458.86 लाख रुपये का बजट जारी किया है, जिसमें से 1194.33 लाख जारी स्कीमों के लिए 2203.19 लाख लोन असिस्टेंस स्कीमों, जो कि नाबार्ड और एलआईसी से हैं, 7.49 लाख नाबार्ड स्कीम में स्टेट शेयर है, जबकि केंद्र का 12121.49 लाख शेयर है और 932.36 लाख केंद्र प्रायोजित स्कीमों के लिए राज्य का शेयर है। - उपरोक्त बजट से अब तक जारी वर्ष में कितना खर्च किया जा चुका है?
कुल मंजूर बजट में से अब तक सरकार द्वारा 8711.39 लाख उपलब्ध कराया गया है, जिसमें से 8314.24 लाख रुपये मार्च 2019 के आखिरी तक खर्च कर दिए गए हैं, जिसमें 1053.67 लाख रुपये जारी स्कीमें भी शामिल हैं। इसके अलावा 1044.79 लाख लोन, 5838.42 लाख केंद्र का शेयर और 369.87 लाख राज्य का शेयर था, यानि कुल उपलब्धता में से 95.44 फीसद खर्च कर दिए गए हैं। -वर्ष 2019-20 के लिए जिला का कितना बजट मंजूर हुआ है?
वर्ष 2019-20 के लिए भी 16458.86 लाख रुपये का बजट मंजूर हुआ है, जिसे वित्त विभाग द्वारा गत अगस्त 2019 में मंजूरी दी गई है। इसमें से अभी तक 2782.37 लाख अभी तक उपलब्ध हुए हैं और उससे अभी तक 2252.94 लाख खर्च भी कर दिए गए हैं यानि कुल उपलब्धता में से 81 फीसद खर्च कर दिया गया है। - जिला में इस समय मुख्य कौन सी सड़कें हैं, जिन पर केंद्र रोड फंड (सीआरएफ) से काम किया जा रहा है?
जिले में इस समय सीआरएफ के तहत कठुआ व बसोहली डिवीजन में 14 सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। दोनों डिवीजनों में 7-7 सड़कें बननी हैं, जिसमें से 11 का काम शुरू हो चुका है। -क्या कुछ लंबित परियोजनाएंफंड नहीं होने के कारण बंद हो चुकी है।
हां, जिले में फंड के अभाव में रुकी कुल 99 परियोजनाओं के लिए 199 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। जिसमें 3 परियोजनाएं, 1 टेक्निकल, 4 उद्योग,1 भेड़पालन, 1 स्वास्थ्य, 5 स्कूल एजूकेशन, 4 ग्रामीण विकास विभाग, 5 युवा सेवाएं एवं खेल विभाग,16 पीएचई, 15 पीडीडी ,7 सिंचाई एवं 1 बाढ़ नियंत्रण विभाग की शामिल हैं।
- बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत जिले में कितने फंड जारी हुए हैं?
बैक टू विलेज कार्यक्रम के लिए जिले में 5 करोड़ रुपये जारी हुए हैं, जिसमें प्रत्येक पंचायत में एक कार्य इस फंड से कराया जाएगा। -14वें फाइनेंस के लिए जिले में कुल कितने फंड मंजूर हुए हैं।
जिले में 53 करोड़ रुपये 14वें फाइनेंस के तहत जारी हुए हैं, जिसमें 864 विकास कार्य कराएं जाएंगे। - जिले में इस समय कितने स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं।
जिले में इस समय 1512 स्वयं सहायता समूह बनी, बिलावर, बसोहली और लोहाई मल्हार ब्लॉक में काम कर रहे हैं। - खेलों इंडिया में कितने फंड मंजूर हुए हैं।
जिले में खेलो इंडिया के तहत 80 लाख रुपये जारी हुए हैं,जिन्हें अक्टूबर तक जिले के 8 ब्लॉकों में खेल गतिविधियां पर खर्च किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में वर्ष 2019-20 में कितने घर बनाने का लक्ष्य है।
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिला में वर्ष 2019-20 के लिए 3070 मकान बनाने का लक्ष्य जिला में सरकार द्वारा दिया गया है, जिसमें 31 अगस्त तक 405 मकान बना दिए गए हैं। -क्या ये सही है कि जिले में मनरेगा के तहत हीरानगर सीमांत क्षेत्र में सरकारी भूमि पर पौधारोपण करने का कार्यक्रम है।
जिले के हीरानगर सीमांत क्षेत्र के 15 गांवों में सरकारी भूमि पर पौधारोपण करने का कार्यक्रम है।