पूरथू में पर्यटन को बढ़ावा देने की परियोजना अधर में
400 करोड़ की परियोजना को नहीं लग पाये पंख सरकार गई और योजनाएं भी हुई ठप केवल मोटर वोटिग एवं वाटर स्पोर्ट्स पर ही हुआ फोकस
संवाद सहयोगी, बसोहली: जम्मू में पर्यटन की सुविधाएं विकसित हों और जम्मू के किसी भी भाग में ऐसी परियोजनाएं परवान चढ़े, ताकि युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध हो। जी हां हम बात कर रहे हैं यूटी में मिनी गोवा नाम से प्रसिद्ध पूरथू की।
यहां 9 जून 2017 को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत बसोहली बनी डेवलपमेंट अथारिटी का गठन करने की घोषणा की। करीब 400 करोड़ रुपये की परियोजना जो विश्वस्तरीय थी, उक्त काम को जल्दी लगाने के लिये ग्लोबल टेंडर लगाने की भी घोषणा की। सरकार बदलते ही उक्त परियोजना का अस्तित्व ही समाप्त हो गया, जबकि 400 करोड़ रुपये की परियोजना में सबसे ज्यादा ध्यान पार्किंग पर खर्च किया जाना था। अटल सेतु के समीप प्रवेश कांप्लेक्स बनाया जाना था, इसके अलावा प्रवेश प्लाजा, बसोहली हैरिटेज की कला, सामान को संजोना, आर्टस एंड क्राफ्ट ट्रेनिग सेंटर बनाना और इसमें बसोहली कला को विकसित करना, कन्वेंक्शन सेंटर, क्लब, फूड कोर्ट, एस्सल वर्ल्ड समूह के सहयोग से अम्यूजमेंट पार्क, फाइव स्टार आवासीय सुविधा, थ्री स्टार होटल, आयूर्वेद एवं मेडिकल सेंटर, ग्रीन कोरिडोर आदि बनाने की योजना की घोषणा हुई थी। इसके लिये 100 करोड़ रुपये का काम भी जल्द शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन उक्त राशि को कश्मीर में पर्यटन विभाग को ट्रांसफर कर दिये गये। इस वजह से स्थानीय लोगों में रोष है, अगर उक्त परियोजना शुरू होती तो उप मंडल के कई बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते। बाक्स---
वोटिग एवं वाटर स्पोर्ट्स पर ही हुआ सिर्फ काम
बसोहली डेवलपमेंट अथारिटी ने अपनी ओर से मिले फंड को वाटर स्पोर्ट्स एवं मोटर वोट के लिये ही सिर्फ इस्तेमाल किया, जिसके कारण कस्बे में चहल पहल बढ़ी है, लोग क्रूज, लेजर मोटर वोट, हाई स्पीड मोटर वोट का मजा लेने के लिये हर रोज टूरिज्म रिसेप्शन सेंटर के पास आ रहे हैं। बसोहली बनी डेवलपमेंट अथारिटी ने दस साल के लिये मिस्टिक वोट एंड क्रूज को ठेका दिया है। यह कंपनी रंजीत सागर झील में चलेगी। कोट्स---
अपने कार्यकाल में इस परियोजना को लेकर दिलचस्पी दिखाए। 400 करोड़ की परियोजना का सर्वे आदि सब कुछ किया गया है। इसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म दिल्ली को फाइल भेजकर फंड की उपलब्धता कराने के लिये कहा गया, अगर फंड आता है तो काम आवश्य होगा।
- नागेंद्र सिंह जम्वाल, सीईओ, बसोहली-बनी डेवलपमेंट अथारिटी।