त्योहारी सीजन पर सब्जियों के छूने लगे दाम आसमान
त्योहारी सीजन में पहली बार सब्जी आम की पहुंच से दूर होने लगी है। सब्जियों के दाम में पिछले दो सप्ताह से ज्यादा उछाल आया है। जिसका कारण आम लोग त्योहार में जानबूझ कर सब्जी व्यापारियों
जागरण संवाददाता, कठुआ: महंगाई से लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। आलम यह है कि अपने ही क्षेत्र में तैयार होने वाली सब्जियों के दाम आसमान को छू रहे हैं। इसके चलते बाजार में इस त्योहारी सीजन में पहली बार सब्जी आम लोगों की पहुंच से दूर होने लगी है। सब्जियों के दाम में उछाल पिछले दो सप्ताह से है, जिसे आम लोग त्योहार में सब्जी व्यापारियों का मौके का फायदा उठाने की नीति मान रहे हैं, जबकि खुदरा सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि उन्हें पीछे से ही महंगी सब्जी मिल रही है, ऐसे में वे कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन सब्जी के थोक व्यापारियों का कहना है कि इस बार देश के कुछ राज्यों में बारिश व बाढ़ के कारण सब्जी की पैदावार कम होने से महंगी हुई है। सबसे हैरानी इस बात का है कि शहर की थोक मंडी में सब्जियों के भाव बाजार में परचून मंडी से काफी भिन्न है।
स्थानीय शहरवासी ओमकार शर्मा का कहना है कि महंगाई पर किसी का कंट्रोल नहीं है, यही कारण है कि दुकानदार एवं व्यापारी भीड़ का लाभ उठाने की ताक में रहते हैं। अगर पीछे सब्जी की पैदावार कम हुई है तो मंडी में तो उतनी ही सब्जी आ रही है, कम नहीं, इससे कीमतों में उछाल आने का क्या कारण है। जैसा कि प्याज के मामले में। जब सरकार को प्याज के दाम से आम लोगों के गुस्से का पता चला तो उसी समय एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगा दी, जिससे प्याज की कीमतें भले ही कम नहीं हुई, लेकिन स्थिर हो गई। ऐसा ही अगर सरकार मुनाफाखोर जो ऐसे मौके की ताक में रहते हैं, उन पर लगाम कसे तो महंगाई पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। मंडी में सब्जियों के भाव
थोक मंडी - खुदरा मंडी
गोभी-50 -80
टमाटर--50 -60
फ्राशबीन-80-100
शिमला मिर्च-80 -100
बैंगन -20- 30
पालक -40- 60
मूली -20 - 40
कड़म --50- 50
कीया --30 -40
मटर हरे-100 -140
करेला --35 -50
तोरी --30 -40
बंदगोभी--30 -50 कोट्स----
त्योहार पर वैसे भी सब्जियों की मांग ज्यादा होने से थोड़ी महंगाई हो जाती है, लेकिन इस बार कुछ राज्यों में भारी बारिश व बाढ़ की वजह से सब्जी खराब हो गई जो कि मुख्य कारण है। हालांकि, गत वर्ष भी गोभी का भाव 40 से 50 रुपये था, जो इस बार 80 रुपये खुदरा बाजार में है।
- कुलबीर सिंह, प्रधान, सब्जी व फल विक्रेता यूनियन, कठुआ।