रमजान के पहले दिन नमाज घरों में ही अता की
मुस्लिमों ने लॉक डाउन के चलते नमाज मस्जिदों की बजाय घरों में ही अता की। ऐसा पहली बार हुआजब रमजान के महीने में पहले दिन मुस्लिम मस्जिदों में नमाज नहीं अता करने नहीं पहुंचे। जिसके चलते कठुआ शहर की वार्ड
जागरण संवाददाता, कठुआ: रमजान के पवित्र महीने में इस बार मुस्लिमों ने लॉकडाउन के चलते नमाज मस्जिदों की बजाय घरों में ही अता की। ऐसा पहली बार हुआ, जब रमजान के महीने में पहले दिन मुस्लिम मस्जिदों में नमाज नहीं अता करने पहुंचे। इसके चलते कठुआ शहर की वार्ड 8 स्थित मुख्य मस्जिद में पूरा दिन सुनसान रही।
पहले हर साल मस्जिद में मेले जैसा माहौल रहता था। इस बार मस्जिद में नमाजियों के नहीं आने से पुलिस द्वारा भीड़ उमड़ने के कारण व्यवस्था बनाए रखने के लिए जवान भी तैनात नहीं किए गए। लॉकडाउन का मस्जिद में इस विशेष मौके पर रौनक नहीं दिखी। नमाजियों ने घर में सुबह सहरी और शाम को इफ्तार रखी और एक दूसरे को रमजान की बधाई फोन पर देकर लॉकडाउन का पालन किया। मुस्लिम कमेटी के शकील अहमद टोनी ने कहा कि पहले देश, फिर सारा समाज उसके बाद धर्म। धर्म अपने घर और दिल में है। अगर देश में संकट है तो पहले उससे उभरना प्राथमिकता रहेगी। हालात ठीक होंगे तो सब कुछ किया जा सकता है, रौनक भी लौटेगी, नमाज भी अता होगी। इसलिए उन्होंने पहले ही सभी से अपील करके इस बार कोरोना संकट में शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए जमा होने की बजाय घर में ही नमाज अता करने को कहा था, जिसका शहर में पालन हुआ है।