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बैंकों के बाहर उड़ी रही है शारीरिक दूरी की धज्जियां

सरकार द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। इस दौरान में सरकार भले ही लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की बात कर रही है लेकिन रामकोट में इस ओर ज्यादा लोगों का ध्यान नही है। खासकर सार्वजनिक स्थलों पर लोग इसका पालन नही कर रहे है। प्रतिदिन कस्बे में स्थित जे एंड के

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 12:24 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 12:24 AM (IST)
बैंकों के बाहर उड़ी रही है शारीरिक दूरी की धज्जियां
बैंकों के बाहर उड़ी रही है शारीरिक दूरी की धज्जियां

संवाद सहयोगी, रामकोट: कोरोना वायरस की महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। इस दौरान भले ही लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की बात की जा रही है, लेकिन रामकोट में इस ओर ज्यादा लोगों का ध्यान नही है। खासकर सार्वजनिक स्थलों पर लोग इसका पालन नहीं कर रहे है।

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प्रतिदिन कस्बे में स्थित जेएंडके बैंक की शाखा में अपने काम से आने वाले लोगों की बैंक के बाहर लाइन का दिखना आम सा हो गया है। बैंक के बाहर लगने वाली लाइन, जिसमें पुरुष कम ,महिलाएं ज्यादा हैं। सभी जन धन और उज्जवला योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई सहायता राशि को निकालने के लिए कतारबद्ध खड़े रहते है, जहां उनके बीच शारीरिक दूरी के नियम का अभाव आसानी से देखा जा सकता है।

बैंक में आने वाले ज्यादातर लोग प्रधानमंत्री द्वारा जन धन योजना और उज्जवला योजना के तहत घोषित राहत राशि को निकालने के लिए आ रहे है। मात्र पांच रुपये निकालने के लिए लोग घरों से निकल कर आने वाले लोग कई-कई घंटे कतार में खड़े रहते हैं। इनमें ज्यादातर संख्या महिलाओं की होती है। सरकार द्वारा उन्हें दी जा रही राहत राशि वापस ना चली जाए, इस डर से महिलाएं मौका नहीं छोड़ना चाहती। जन धन योजना और उज्जवला योजना के तहत मिल रही सहायता राशि को गंवाना नहीं चाहती। सरकार द्वारा दी गई इस सहायता का पूरा लाभ उठाना चाहती हैं। कुछ महिलाएं तो गरीबी और तंगी के कारण जरूरत को पूरी करने के लिए राशि निकालती हैं, वहीं कुछ महिलाओं के अनुसार यदि वे इस राशि को नहीं निकालेंगी तो राशि वापस चली जाएगी और मौका हाथ से निकल जाएगा। इस संबंध में सहायक प्रबंधक बाबूराम ने बताया कि बैंक में आने वाले ग्राहकों में महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। उनके खाता में आई राशि को निकालने के लिए सुबह ही कतार में खड़ी हो जाती हैं। उनके पैसे उनके खाते में ही रहेंगे, समझाने के बावजूद भी अपना काम निपटा कर ही घरों को जाती हैं। इन लोगों को डिस्टेंस बनाए रखने के लिए कहा जाता है, परंतु लोग शारीरिक दूरी बनाए रखने का ध्यान नहीं रखते और जल्दी बारी आने के इंतजार में रहते हैं। क्षेत्र में स्थित सभी बैंकों का यही हाल है। प्रशासन को चाहिए की हर एक बैंक के बाहर पुलिसकर्मी तैनात किया जाए ताकि कोरोना महामारी के संक्रमण से बचा जा सके।


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