मतदाताओं ने 60 फीसद मतदान कर देशद्रोही ताकतोंको नकारा:चुग
जागरण संवाददाता कठुआ भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पह
जागरण संवाददाता, कठुआ: भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पहली बार मतदाताओं ने 50 से 60 फीसद मतदान करके गुपकार गैंग को पूरी तरह से नकार दिया है। दो माह पहले गैंग के सदस्य चुनाव में भाग नहीं लेने और चुनाव करवाए जाने का विरोध करते थे। अब साबित हो गया कि जम्मू कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला एवं मुफ्ती एंड संस की दुकान बंद होने वाली है। वे शुक्रवार किड़ियां गंडयाल हलके में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी नेकां के उम्मीदवार ने अपने चुनाव प्रचार में फारूक अब्दुल्ला का चित्र तक नहीं लगाया है। मतदान में कश्मीर के लोगों का बड़ी संख्या में भाग लेना साबित करता है कि पाकिस्तान की बुलेट हारी है और मोदी की बैलेट जीती है। ये चुनाव राष्ट्रवादी और देशद्रोही ताकतों को समर्थन करने वालों के बीच है। इसमें मोदी की राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वे इटली के चश्मे से भारत को देख रही है, जिससे उसे मोदी के नेतृत्व में तरक्की कर रहा भारत नहीं दिखता है, इटली का चश्मा उतार कर भारत को देखे। उनके गुलाम नबी आजाद जैसे नेता भी इस चुनाव में बाहर नहीं निकले। बाक्स---
डीडीसी चुनाव राजीव गांधी की देन: कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डोगरा ने पार्टी उम्मीदवार अनु डोगरा के लिए गांव-गांव में जाकर चुनाव प्रचार किया। गत दिनों केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा उनकी पार्टी के उम्मीदवारों पर प्रचार में नेताओं के चित्र नहीं लगाने पर कसे तंज का जवाब देते हुए कहा कि आज डीडीसी चुनाव यानि पंचायती राज को मजबूत बनाने का सपना उनकी पार्टी के ही स्व. प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देखा था। आज राजीव गांधी के सपने के कारण ही डीडीसी चुनाव हो रहा है। ऐसे बयान, जिसमें उनकी पार्टी के उम्मीदवार द्वारा पोस्टर पर राजीव गांधी का चित्र लगाने पर तंज कसा, ये उनकी बौखलाहट और दिवालियापन का नतीजा है, जो उक्त प्रधानमंत्री के चित्र पर तंज कस रहे है, जिन्होंने इस देश के लिए कुर्बानी दी। उन्होंने ही नहीं उनके परिवार के दो-दो नेताओं ने देश पर अपनी जान न्योछावर की है। ऐसे में बेहतर होता वे प्रचार में आकर बताते कि गत 15 मार्च के बाद आज पहली बार चुनाव प्रचार में पहुंचे, इतने दिन कहां रहे। लखनपुर में आज भी आने जाने पर पाबंदी है, उनकी बात करते, लेकिन पोस्टर किसके लगाने है, क्या ये भी अब उनसे पूछना है। ये भाजपा नेताओं की तानाशाही नीति से जुड़ी बयानबाजी है, जिसका खामियाजा भाजपा को चुनाव प्रचार में भुगतना पड़ेगा।