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कड़ाके की ठंड, सर्द रातें, फिर भी जर्जर मकान में रहने को मजबूर

प्रभु दयाल कठुआ सर्द हवाएं रात को तीर की तरह सीधे आकर लगती हैं। ठिठुरते हुए रात गुजारनी पड़ती

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 12:21 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 12:21 AM (IST)
कड़ाके की ठंड, सर्द रातें, फिर भी जर्जर मकान में रहने को मजबूर
कड़ाके की ठंड, सर्द रातें, फिर भी जर्जर मकान में रहने को मजबूर

प्रभु दयाल, कठुआ: सर्द हवाएं रात को तीर की तरह सीधे आकर लगती हैं। ठिठुरते हुए रात गुजारनी पड़ती है। घनघोर अंधेरा मन में एक खौफ पैदा करता है। हर रात को इंतजार रहता है कि कब सूर्य की किरण पड़े। यह किसी कहानी की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि हर रोज बिना पक्की छत्त के कच्चे एवं जर्जर मकान में रात गुजारने वाले परिवार की कहानी है।

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प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभ लेने का इंतजार शहर के वार्ड एक के दो परिवारों को आज भी हैं। हैरानी की बात यह है कि आला अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि मुख्यालय पर हैं, लेकिन अब तक किसी का ध्यान उक्त दो परिवारों की ओर नहीं गया। आíथक सर्वेक्षण 2011 के आधार पर हो रहा है, परंतु उक्त परिवार के लोग आज भी लाभ लेने के लिए सरकार के नुमाइंदों की ओर टकटकी लगाए हुए है कि उन्हें पक्की छत्त मुहैया करवाए। परंतु लगातार रात और दिन निकल रहे हैं, लेकिन रहम करने वाले की आहट कहीं से भी नहीं आ रही है।

शहर के वार्ड एक निवासी पवन कुमार अपने 4 बच्चों व पत्नी के साथ एक कच्चे कमरे में रात गुजारने को मजबूर है। कमरे की स्थिति भी ऐसी है कि कभी भी ढह सकता है। पवन ने बताया कि स्थानीय पार्षद को कई बार स्कीम के तहत मकान दिलाने की गुहार लगाए, लेकिन हुआ कुछ नहीं। इसी तरह, विधवा राधू देवी का परिवार भी दो बेटे और एक बेटी के साथ कच्चे मकान में रह रहा है। टूटे कमरे के बीच इनका परिवार भी सुरक्षित नहीं है। कोट्स---

प्रधानमंत्री आवास योजना का सर्वे जारी हैं, जिन लोगों के मकान इस स्कीम के तहत नही आ पाए हैं वे नगर परिषद में आकर अपने कागजात जमा करवा कर स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। नगर परिषद का भी प्रयास है कि सरकार की योजनाएं अवाम तक पहुंचे, लोग खुद भी जागरूकता दिखाएं

-नरेश शर्मा, प्रधान, नगर परिषद कठुआ।


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