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कठुआ नगर परिषद के नरेश शर्मा ही बने रहेंगे प्रधान, विपक्ष को अदालत से लगा झटका

जागरण संवाददाता कठुआ नगर परिषद के नरेश शर्मा प्रधान व रेखा कुमारी उप प्रधान बनी रहेंगी क्योंि

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 04:16 AM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 04:16 AM (IST)
कठुआ नगर परिषद के नरेश शर्मा ही बने रहेंगे प्रधान, विपक्ष को अदालत से लगा झटका
कठुआ नगर परिषद के नरेश शर्मा ही बने रहेंगे प्रधान, विपक्ष को अदालत से लगा झटका

जागरण संवाददाता, कठुआ : नगर परिषद के नरेश शर्मा प्रधान व रेखा कुमारी उप प्रधान बनी रहेंगी, क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले विरोधी पार्षदों को अदालत ने लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

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करीब दो माह से अपने ही पार्टी के नगर परिषद प्रधान नरेश शर्मा के साथ-साथ उप प्रधान रेखा कुमारी को हटाने में जुटे विरोधी पार्षदों को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने भाजपा के सात बागी समेत पाच अन्य निर्दलीय पार्षदों की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि म्यूनिसिपल एक्ट में साल में एक ही बार प्रधान व उप प्रधान के खिलाफ अविश्वास लाया जा सकता है, जबकि पार्षदों ने एक माह के भीतर ही दो बार अविश्वास प्रस्ताव लाया। इसके चलते दूसरी बार लाया गया अविश्वास प्रस्ताव को विशेष ट्रिब्यूनल कोर्ट ने खारिज कर दिया।

नगर परिषद में पहली बार लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वयं ही विरोधी पार्षदों ने वापस ले लिया था। इसके बाद दूसरी बार म्यूनिसिपल एक्ट के तहत अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकते थे। इसके चलते अदालत ने उसे खारिज कर दिया। कोर्ट के फैसले से नरेश शर्मा को सबसे बड़ी राहत यह मिली है कि अब अगले एक साल तक प्रधान एवं उप प्रधान के खिलाफ कोई भी पार्षद अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकते हैं। इसके चलते नरेश शर्मा प्रधान एवं रेखा कुमारी उपप्रधान के पद पर एक साल तक बने रहेंगे, जबकि पार्टी की ओर से कुछ नहीं कहा जाता है।

सबसे दिलचस्प यह है कि प्रधान नरेश शर्मा ने एक साल के भीतर दो बार तख्ता पलटने की साजिश को नाकाम बना दिया। इससे पहले गत वर्ष भी अपने ही पार्टी के यही सात पार्षदों, सिर्फ एक अनिरुद्ध शर्मा को छोड़ कर अन्य सभी उनकी कुर्सी गिराने की साजिशें रचने में शामिल थे, तब पार्टी हाईकमान ने खिंचाई करते हुए दोबारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को गिराने के निर्देश दिए थे। हालाकि, पार्टी ने इस बार भी सात बागियों को कड़ी चेतावनी दी थी और उन्हें अविश्वास प्रस्ताव वापस लेकर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। साथ उनके पास से पार्टी की अतिरिक्त जिम्मेदारियों को वापस छीन लिया था, लेकिन पार्टी हाईकमान के कड़े रुख के बाद भी बागी अपने फैसले पर कायम रहे और निर्दलीय पार्षदों के साथ मिलकर अपने ही पार्टी के प्रधान एवं उप प्रधान को हटाने के लिए लगातार प्रयास में जुटे रहे।

बहरहाल, पिछले ढाई साल से स्पष्ट बहुमत से गठित कठुआ नगर परिषद में भाजपा की अपने प्रधान नरेश शर्मा एवं उप प्रधान रेखा कुमारी के नेतृत्व में शहर का तेजी से विकास कराने में लगी हुई है, वहीं अपने ही पार्टी की अंतरकलह का भी सामना कर विरोधियों को झटका दे रही है। इसके विपरीत अपने ही पार्टी के सात बागी, जहा पूर्ण बहुमत से गठित नगर परिषद को और मजबूत बनाकर एकजुटता से शहर के विकास में प्रधान को सहयोग करने की बजाय लगातार उन्हें गिराने में लगे रहे। अपने ही पार्टी के हाईकमान के निर्देशों को भी दरकिनार करने में लगे रहे। इसके चलते बीते करीब दो माह से जारी प्रयास के बीच निर्दलियों के लिए गए सहयोग ही सर्वोपरि रखा गया और पार्टी के निर्देश को नहीं मान कर उन्हें भी जारी इस गतिरोध में चुप्पी साधने पर सवाल उठाते रहे। हालाकि, भाजपा के पास नगर परिषद प्रधान को हटाने के लिए अपना बहुमत नहीं है। बाक्स---

अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षद

- अनिरुद्ध शर्मा, वार्ड-7 (भाजपा)

-रवींद्र पठानिया, वार्ड-20 (भाजपा)

-कर्ण सिंह, वार्ड-11 (भाजपा)

-जोगेंद्र कुमार, वार्ड-17 (भाजपा)

-अजय कुमार, वार्ड-10 (भाजपा)

-रेनु बाला, वार्ड-12 (भाजपा)

-भुपेंद्र राज, वार्ड-14 (भाजपा)

- राजेंद्र सिंह बब्बी, वार्ड-2 (निर्दलीय)

-वंदना अंडोत्रा, वार्ड-18, (निर्दलीय)

-बलजीत सिंह, वार्ड-21 (निर्दलीय)

- मीरा कुमारी, वार्ड-1 (निर्दलीय)

-पुष्पा देवी, वार्ड-16, (कांग्रेस)

कोट्स----

पार्टी हाईकमान ने सर्वसम्मति से फैसला कर उन्हें जिस उम्मीद के साथ नगर परिषद प्रधान की जिम्मेदारी सौंपी है, उसे वे पूरी ईमानदारी से निभाने में लगे हैं। पार्टी जब तक इस पद पर बनाए रखेगी, पूरी निष्ठा से इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे। विरोधियों का काम है उन्हें उलझाना, बावजूद शहर का विकास नहीं रुकेगा।

-नरेश शर्मा, नप प्रधान कोट्स---

जिस म्यूनिसिपल एक्ट का हवाला देकर विशेष ट्रिब्यूनल कोर्ट ने फैसला किया है, उसे लेकर वे सहमत नहीं है, अदालत को गुमराह किया गया है। एक बार सभी 12 पार्षद आपसी सहमति से इस फैसले को अपर कोर्ट में अपने वकील के माध्यम से चुनौती देंगे। 12 पार्षदों के बिना नप अल्पमत में है, इसलिए प्रधान को हटाने का फैसला हो चुका है, उसमें सफल होंगे।

- रवींद्र पठानिया, भाजपा पार्षद, वार्ड 20


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