शहीदों को अगर समाज भूलेगा तो परिवारों को होगी पीड़ा
जागरण संवाददाता कठुआ जिले के शहीद कैप्टन सुनील चौधरी (कीर्ति चक्र सेना) का बुधवार को
जागरण संवाददाता, कठुआ : जिले के शहीद कैप्टन सुनील चौधरी (कीर्ति चक्र सेना) का बुधवार को 13वां शहीदी दिवस मनाया गया। वर्ष 2008 में असम के तिनसुकिया में उल्फा आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए कैप्टन सुनील चौधरी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके स्मारक स्थल कैप्टन सुनील चौधरी चौक पर डीसी ओपी भगत, एसएसपी डा. शैलेंद्र मिश्रा, सेना अधिकारी, जवान व परिवार के सदस्यों के अलावा स्थानीय नागरिक भी पहुंचे और उनकी शहादत को नमन किया।
इससे पहले सेना के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर शहीद को नमन किया और उनके स्मारक पर श्रद्धा के सुमन अर्पित किए, जिसमें डीसी व एसएसपी ने भी अपनी ओर से श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके उपरांत शहीद के पिता कर्नल पी एल चौधरी, शहीद की मां और भाइयों ने भी स्मारक पर श्रद्धा के सुमन अर्पित किए। शहीद के पिता कर्नल पीएल चौधरी ने अपने जाबांज बेटे की बहादुरी को याद करते हुए कहा कि उन्हें आज भी गर्व है कि उनका इस देश के लिए कुर्बान हुआ है। हालांकि, उनका बेटा तो उनसे सदा के लिए बिछुड़ गया है, लेकिन जब इस तरह के समारोह होते हैं तो महसूस होता है कि उनका बेटा उनके आसपास ही खड़ा है, क्योंकि जो देश की मातृभूमि के लिए शहीद होते हैं, वे अमर हो जाते हैं। अगर शहीदों को कोई याद नहीं करेगा तो उनके परिवार वालों को पीड़ा होती है, इसलिए हर साल जहां होने वाले शहादत समारोह में शहरवासी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं, क्योंकि अगर वह शहर में खुशी से अपने परिवार के साथ व्यवसाय आदि कर रहे हैं तो ये उनकी कुर्बानी के कारण ही है। आज भी देश के कई जवान शहादत को पा रहे हैं। ऐसे में शहीदों के स्मारक पर लगने वाले ऐसे समारोह में आवश्य आएं और उनकी शहादत को हमेशा बनाए रखें। स्मारक को और उसके आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा रखे, ताकि इस पर लिखी उनकी शहादत की गाथा को पढ़कर युवा पीढ़ी प्रेरणा लें सके। इस बीच शहीद की मां ने भी बेटे को श्रद्धा के सुमन अर्पित करते हुए शहादत पर गर्व जताया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने देश पर अपनी कुर्बानी देकर पूरे जिला का नाम रोशन किया है, इससे पूरे जिलावासियों को गर्व होना चाहिए और ऐसे समय पर सभी को जहां आकर उसे याद करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो शहीदों के परिवारों को पीड़ा होगी। उनकी शहादत स्थल को सहेज कर रखे, ताकि आने वाली पीढ़ी इससे प्रेरित होकर सेना, वायु सेना व नेवी में भर्ती होने के लिए प्राथमिकता दें, जिससे देश मजबूत बने।