चार माह बाद श्रद्धालुओं ने जोडेया माता मंदिर में टेका मत्था
संवाद सहयोगी बनी/बसोहली पहले नवरात्र पर विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं ने मंदिर में मत्था टेका और पू
संवाद सहयोगी, बनी/बसोहली: पहले नवरात्र पर विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं ने मंदिर में मत्था टेका और पूजा अर्चना की। जोडेया वाला माता मंदिर के कपाट चार महीने बंद रहने के बाद आज खोले गए थे। दिसंबर के अंत में मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे। इस दौरान किसी को भी मंदिर परिसर में जाने की अनुमति नहीं थी। हर वर्ष पहले नवरात्र को मंदिर के कपाट खोले जाते हैं। दननी माता मंदिर से विशेष छड़ी ढोल नगाड़े के साथ जाकर मंदिर के कपाट खोला जाता है।
ज्ञात हो कि शिवालिक पहाड़ी श्रृखला पर 6250 फीट समुंद्र तल की ऊंचाई पर स्थित जोडेया माता मंदिर बसोहली, बनी के अलावा हिमाचल के लोगों की आस्था का केंद्र है। यहा पर पूरे नवरात्र में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं। बनी और बसोहली प्रशासन की ओर से यहा पदयात्रियों की सुविधा के लिये कई कदम उठाये गये हैं। सुरक्षा के लिये भी पुलिस बल तैनात है।
जोडेया माता वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष सुशील बाजलिया ने कहा कि पहले नवरात्र को 300 के करीब श्रद्धालुओं ने मंदिर में मत्था टेका। यहा पर लंगर की भी व्यवस्था की गई। मत्था टेकने के साथ-साथ लंगर में प्रसाद ग्रहण की। इस प्रकार धोले माता मंदिर में भी सौ के करीब श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में मत्था टेका। चामुंडा माता मंदिर डाहडो में भी 200 के करीब श्रद्धालुओं ने मत्था टेका। प्रशासन की तरफ से बिजली, पानी और सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे।
उधर, बसोहली में प्रथम नवरात्र को लेकर कस्बे के अलावा उपजिले में स्थित मा के मंदिरों में रौनक दिखी। चंचलो माता मंदिर, शीतला माता मंदिर, सुचेरा माता मंदिर, जगदंबा मंदिर , चामुंडा माता मंदिर में श्रद्धालुओं ने मंदिर में माथा टेका और खुशहाली की कामना की। बनी तहसील की प्रसिद्ध मा का मंदिर जोडेया माता मंदिर में भी श्रद्धालु पूंड से बनी एवं आसपास के कई गावों से माथा टेकने पहुंचे। बहरहाल, श्रद्धालुओं के लिए जगह- जगह स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात रही।