धरोहर को बचाने के लिए प्रशासन से लगाई गुहार
संवाद सहयोगी बसोहली कभी मंदिर में घटियों की आवाज से सारा वातावरण गूंजता था लेकिन अब मंदिर
संवाद सहयोगी, बसोहली: कभी मंदिर में घटियों की आवाज से सारा वातावरण गूंजता था, लेकिन अब मंदिर में जाने से श्रद्धालु घबरा रहे हैं। आलम यह है कि लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि करीब पांच सौ वर्ष पुरानी धरोहर को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन डीपीआर बनाकर टेंडर लगाए, इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
दरअसल, गत दिनों हुई बारिश के दौरान भूस्खलन की चपेट में आए करीब 500 वर्ष पुरानी चंचलो माता मंदिर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। अगर कम होती तो कस्बे के नागरिक अपनी ओर से श्रमदान कर इसे बचाते, लेकिन प्रोजेक्ट पर काफी राशि खर्च होने के कारण सरकार की ओर लोग टकटकी लगाए हुए हैं।
हालांकि, ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए दैनिक जागरण की ओर से उठाए जा रहे मुद्दे के साथ लोग जुड़ने लगे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि दैनिक जागरण न केवल समाचार पत्र है, बल्कि सामाजिक मुद्दों को उजागर करने वाला एक मुख्य स्त्रोत भी है। कोट्स ---
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब कम होने लगी है। मा में पूरी आस्था है, हमारा पूरा परिवार ही इसका पुजारी है। मा के मंदिर में बरसात में हुए नुकसान की भरपाई को लेकर प्रशासन काम नहीं कर रहा है, जिस कारण मा के मंदिर में सामाजिक मागलिक कार्यक्रम भी बंद हो गए हैं। प्रशासन जल्द ही मरम्मत करवाए।
- पवन कुमार पाधा कोट्स---
चंचलो माता मंदिर प्राचीन देव स्थान के साथ-साथ एक पर्यटन स्थल भी है, प्रशासन के आगे कई बार गुहार लगाई गई, मगर प्रशासन इसे बचाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। प्रशासन एवं केंद्र सरकार में बैठे पीएमओ चाहें तो अपने फंड से ही इसे बनवा सकते हैं, मगर बसोहली की अनदेखी लगातार की जा रही है। कम से कम धाíमक स्थल को दुरुस्त करने के लिए तो आगे आए।
- अमरीश शर्मा। कोट्स--
चंचलो माता मंदिर लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। इसे बचाने के लिए सरकार कोई ठोस कदम उठाए, ताकि किसी बड़े नुकसान के आने से पूर्व इसका पुन: निर्माण हो। करीब 500 वर्ष पुराने इस मंदिर को बचाने के प्रयास के लिए स्थानीय प्रशासन जल्द ही टेंडर लगाए।
- वीर सिंह जम्वाल
कोट्स---
प्रशासन चंचलो माता मंदिर की ओर ध्यान नहीं दे रहा है, जबकि इसे अभी संरक्षित करने की जरुरत है। धाíमक आस्था से जुडे़ इस मंदिर का निर्माण लोग स्वयं भी करवा सकते थे। सरकार कहती है की विकास हो रहा है, बसोहली में यही विकास जरूरी है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- अनु बसोत्रा, पार्षद।