Move to Jagran APP

अब तो प्रदेश में एक निशान एक विधान हो गया है, फिर भी लिखा है दो विधान दो निशान नहीं चलेंगे

जागरण संवाददाताकठुआ डिजिटलसोशल मीडिया पर सक्त्रिय रहने के साथ साथ नवीनतम सूचनाएं अदान प्रदान

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 04:37 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 04:37 PM (IST)
अब तो प्रदेश में एक निशान एक विधान हो गया है, फिर भी लिखा है दो विधान दो निशान नहीं चलेंगे
अब तो प्रदेश में एक निशान एक विधान हो गया है, फिर भी लिखा है दो विधान दो निशान नहीं चलेंगे

जागरण संवाददाता,कठुआ

prime article banner

डिजिटल,सोशल मीडिया पर सक्त्रिय रहने के साथ साथ नवीनतम सूचनाएं अदान प्रदान करने में सभी दलों से आगे भाजपा कठुआ में पिछड़ गई है। मामला ये है कि जम्मू कश्मीर में एक देश एक प्रधान एक निशान की व्यवस्था अब लागू हुए करीब दो साल होने को है,लेकिन कठुआ के मुखर्जी चौक में भाजपा द्वारा ही स्थापित की गई डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर आज भी दो विधान दो निशान लिखा गया है।ये नारा उस समय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तब लगाकर जहा आदोलन शुरू किया था,जब जम्मू कश्मीर में 1952 के पहले दो विधान दो निशान की व्यवस्था थी,जिसका कारण अनुच्छेद 370 का लागू होना था लेकिन अब तो एक विधान एक निशान की व्यवस्था केंद्र की मोदी सरकार ने गत वर्ष 2019 अगस्त माह में अनुच्छेद 370 हटाकर लागू कर दी है। भले ही उस समय मूर्ति पूर्व वन मंत्री राजीव जसरोटिया के प्रयासों से वर्ष 2019 जून में भाजपा ने लगाई थी।जिसे चार माह माह बाद 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटते ही एक विधान एक निशान व्यवस्था लागू हो गई थी। जिसके बाद भाजपा को बदले हालात के चलते मूर्ति पर लिखे नारे को भी अपडेट करना था और इस बड़ी सफलता का उल्लेख करने में तो उसी समय अपडेट करना था,लेकिन लगता है कठुआ भाजपा इकाई के पास या तो समय ही नहीं है या फिर उसे इसका ज्ञान नहीं है।हालाकि उसके बाद भी जहा कई कार्यक्त्रम आयोजित हुए और बड़े नेता प्रदेश से भी जहा आते रहे हैं,लेकिन उनका भी इस बड़े बदलाव की ओर ध्यान नहीं गया।

जब इस सबंध में मौजूदा जिला भाजपा प्रधान गोपाल महाजन से बात की गई तो उन्होंने अभी मौजूदा समय में भी की जा रही गलती को माना और कहा कि ये अब नहीं होना चाहिए, इसे जल्द अपडेट किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK