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    नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव गिरा, नरेश शर्मा बने रहेंगे प्रधान

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 28 Sep 2021 04:43 AM (IST)

    राकेश शर्मा कठुआ नगर परिषद में प्रधान नरेश शर्मा के खिलाफ पांच निर्दलियों से मिलकर भाज ...और पढ़ें

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    नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव गिरा, नरेश शर्मा बने रहेंगे प्रधान

    राकेश शर्मा, कठुआ: नगर परिषद में प्रधान नरेश शर्मा के खिलाफ पांच निर्दलियों से मिलकर भाजपा के सात बागी पार्षदों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। सोमवार को नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए नगर परिषद के सीईओ दिलीप अबरोल ने सभी 21 पार्षदों की मतदान के लिए तय समय 11 बजे बैठक बुलाई, लेकिन बैठक में 21 पार्षदों में से सिर्फ 10 ही मतदान करने के लिए पहुंचे। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के लिए 11 पार्षदों का उपस्थित होना जरूरी था, जो पूरे नहीं हो पाया। इसके कारण नरेश शर्मा के खिलाफ अविश्वास पारित नहीं हो पाया।

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    इसके बाद बतौर मजिस्ट्रेट तैनात तहसीलदार गौरव शर्मा की उपस्थिति में सीईओ दिलीप अबरोल ने अविश्वास गिरने की घोषणा की। इसके साथ ही नगर परिषद के प्रधान अपने समर्थक पार्षदों सहित नप कार्यालय पहुंच गए और उन्होंने इसके लिए अपने समर्थक 8 पार्षद का अभार जताया। नरेश शर्मा कार्यालय पहुंचते ही भाजपा के 7 बागी पार्षद हार के बाद वहां से चले गए। इस बीच नगर परिषद कार्यालय में नरेश शर्मा को पूर्व वन मंत्री राजीव जसरोटिया, जिला भाजपा प्रधान गोपाल महाजन, पूर्व जिला प्रधान प्रेम नाथ डोगरा, पार्षद राहुल देव शर्मा, कुलवंत कौर, अशोक शर्मा, रेखा देवी सहित दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं ने बधाई देते हुए फूलों का हार पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद कार्यालय में नरेश शर्मा के दर्जनों समर्थक व विभिन्न संगठनों के सदस्यों द्वारा बधाई देने का तांता लग गया। करीब डेढ़ घंटा चली अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान प्रक्रिया शांतिपूवर्क संपन्न होने के साथ ही नगर परिषद में बीते 3 माह से जारी अविश्वास प्रस्ताव पर बने गतिवरोध पर विराम लग गया है।

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    बागी पार्षद मांगते रहे समय, फिर भी नहीं पहुंचे समर्थक

    नगर परिषद के सीईओ द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर शांतिपूर्वक एवं निष्पक्ष मतदान कराने के लिए नगर परिषद कार्यालय में सुरक्षा सहित अन्य प्रबंध पूरे किए गए थे। डीसी के आदेश पर निष्पक्ष मतदान कराने के लिए तहसीलदार गौरव शर्मा को बतौर चुनाव मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था, जिनकी देखरेख में मतदान प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। इसके अलावा बड़ी संख्या में पुलिस बल के जवान कार्यालय परिसर के अंदर और बाहर तैनात रहे। सुरक्षा का जिम्मा डीएसपी डॉ. शम्मी कुमार की देखरेख में थाना प्रभारी ओ पी चिब संभाले हुए थे। हालांकि मतदान प्रक्रिया का समय 11 से 11.30 समय था, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों ने उनके दो समर्थक पार्षदों के नहीं पहुंचने पर समय मांगा गया, जिसके चलते आधा घंटा सीईओ ने और दे दिया। उसके बाद भी दो अन्य पार्षद नहीं पहुंचे तो वहां पर चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे। इसके बाद सीईओ ने और 20 मिनट का समय देकर प्रक्रिया को पूरी कर दिया। मतदान के लिए पहुंचे 10 पार्षद समय पूरा होने पर भी प्रक्रिया के अनुसार अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं थे, लेकिन जब मतदान की प्रक्रिया पर सवाल उठे तो सीईओ ने वीडीओग्राफी करवाकर उन्हें हस्ताक्षर करने के निर्देश दिए, उसके बाद 10 ने हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर होते ही सीईओ ने अविश्वास प्रस्ताव गिरने की घोषणा की।