जीएसटी रिफंड मिलने में हो रही देरी का उठा मुद्दा
जागरण संवाददाता कठुआ आयकर विभाग ने पहली बार जीएसटी विभाग के सहयोग से आयकरदाताओं क
जागरण संवाददाता, कठुआ: आयकर विभाग ने पहली बार जीएसटी विभाग के सहयोग से आयकरदाताओं की सुविधा के लिए वीरवार को जागरूकता शिविर महिला डिग्री कॉलेज के सभागार में आयोजित किया। इस दौरान आयकरदाताओं को रिटर्न भरने की सरल प्रक्रिया के प्रति जागरूक किया। साथ ही उन्हें आने वाली समस्याओं को भी सुना गया, ताकि उसका समाधान के लिए वित्त मंत्रालय में भेजा जा सके।
शिविर में उद्योगपतियों ने मुख्यत: जीएसटी भरने के बाद रिफंड मिलने में हो रही देरी से आर्थिक नुकसान का मुद्दा उठाया। कठुआ इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रधान देवेंद्र वर्मा ने कहा कि सभी उद्योगपति सरकार को टैक्स देने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार भी उसी जारी प्रक्रिया के अनुसार काम करें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को समय पर जीएसटी रिटर्न न भरने के कारण जुर्माना व लेट फीस लगाई जाती है, लेकिन उनके द्वारा देरी से भरने के कारण नहीं जाने जाते हैं। इससे बचने के लिए उद्योगपति बैंकों से लिमिट लोन लेकर जीएसटी भर रहे हैं, ताकि लेट फीस व जुर्माने से बचा जा सके। जबकि लेट होने का मुख्य कारण भरे गए जीएसटी की तय समय पर रिफंड नहीं होना है। इसके कारण पैसा जीएसटी भरने में ही चला जा रहा है। कोविड से उद्योगपति काफी प्रभावित हुए है, कई उद्योग तो बंद हो गए। इसके बावजूद सरकार ने कोई राहत नहीं दी।
कठुआ इंडस्ट्रीयल यूनिट एसोसिएशन के प्रधान अजीज बावा ने कहा कि गत दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री से जम्मू कश्मीर के दौरे के दौरान राजभवन में मिले थे, उन्हें भी समस्याओं से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योपतियों को तो समय पर जीएसटी रिफंड मिलने लगा है, लेकिन छोटे उद्योपतियों को अभी भी नहीं। सरकार कम से कम छोटे उद्योगपतियों की ओर ध्यान दे अन्यथा वे भी बंद हो जाएंगे।
ईट भट्ठा एसोसिएशन प्रधान शाम नारायण मेहता ने ईट पर अब 5 की बजाय 12 फीसद जीएसटी लगाने का विरोध करते हुए कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो ईट भट्ठा उद्योग बंद हो जाएगा। एक तो पहले से ही पंजाब के ईट भट्टा बिना दस्तावेज और टैक्स दिए क्षेत्र में रोजाना घुस कर ईट बेचने शुरू कर दिए, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कुछ ऐसे भी हैं जो लाखों का प्रतिवर्ष टेक्स देने के योग्य हैं, लेकिन उन पर कोई नजर नहीं है। इसमें चड़वाल और दियालाचक का सर्वे किया जाए, जहां पर कठुआ से भी ज्यादा बड़े व्यापारी हैं, उनमें कुछ गिनती के ही टैक्स दे रहे हैं।
कार्यक्रम में सीजीएसटी जम्मू के प्रधान आयुक्त महेश कुमार रस्तोगी ने उद्योगपतियों, व्यापारियों की समस्याओं को सुनने के बाद आश्वासन दिया कि उनकी सुनी गई सभी समस्याओं का समाधान के लिए आगामी केंद्रीय बजट में प्रावधान रखने से पहले वित्त मंत्रायल को भेजा जाएगा। इस बीच उप आयकर आयुक्त, जम्मू सर्कल, राहुल पाधा ने कहा कि आयकर विभाग ने न केवल कर संग्रह करने में उपलब्धियां हासिल की हैं, ब्लकि तकनीकी प्रगति के अलावा कामकाज में पारदर्शिता और अनुपालन में आसानी करके करदाता को सेवाएं दी। पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन से उन्होंने कानूनों में सरलीकरण और ई-फाइलिग पोर्टल पर आयकर रिटर्न दाखिल करने के लाभों को समझाया। कार्यक्रम में सीजीएसटी सांबा की उपायुक्त संदीप कौर, कठुआ आयकर विभाग के जिला अधिकारी एम बी रायजादा के अलावा इंस्पेक्टर सुरेंद्र, एडवोकेट सुशील गुप्ता एवं सीए अजय शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।