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नगर परिषद में प्रधान पद खाली होने से शहर में विकास कार्य ठप

राकेश शर्मा कठुआ करीब चार साल से शहर में निर्वाध्य रुप से जारी विकास कार्य अचानक ठप स

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Aug 2022 04:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2022 04:00 AM (IST)
नगर परिषद में प्रधान पद खाली होने से शहर में विकास कार्य ठप
नगर परिषद में प्रधान पद खाली होने से शहर में विकास कार्य ठप

राकेश शर्मा, कठुआ: करीब चार साल से शहर में निर्वाध्य रुप से जारी विकास कार्य अचानक ठप सा पड़ गया है। अब शहर में कहीं भी विकास कार्य पहले की तरह होते नहीं दिख रहे हैं, जिसका कारण प्रमुख कारण विगत 13 दिन से नरेश शर्मा द्वारा प्रधान पद से इस्तीफा देने के बाद खाली पड़ी नगर परिषद की कुर्सी है।

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अब दोबारा नगर परिषद के प्रधान के लिए चुनाव होना है, क्योंकि नगर परिषद का अभी आखिरी एक साल बचा हुआ है। पांच साल बाद नए सिरे से चुनाव होने हैं। वर्ष 2018 में हुए चुनाव के अनुसार मौजूदा नगर परिषद का कार्यकाल अगले साल खत्म होना है, इसलिए जाते जाते एक साल और अब किसी अन्य नए पार्षद को प्रधान की कुर्सी पर बैठने का मौका मिलेगा। अगर देखा जाए तो सबसे लंबे समय करीब 4 साल तक नरेश शर्मा इस कुर्सी पर विराजमान रहे है। इससे पहले वर्ष 2005 में हुए चुनाव में भी पांच साल के कार्यकाल में ढाई साल तक प्रधान की कुर्सी संभाल चुके है। उस समय दो अन्य पार्षदों को एक-एक साल का प्रधान बनने का मौका मिला था। ऐसे में अब जारी इस पांच साल के कार्यकाल में दूसरे को भी मौका मिलेगा। यह मौका अभी चुनाव के लिए जल्द जारी होने वाली अधिसूचना के बाद ही मिलेगा। इसके लिए भी ज्यादा देरी नहीं लगने वाली है, जल्द अधिसूचना जारी होने वाली है। इसके बाद फिर प्रधान की कुर्सी के लिए चुनाव मैदान सज जाएगा।हालांकि अगर देखा जाए तो इसमें भाजपा को अपने बहुमत के आधार पर ज्यादा कश्मकश की जरूरत ही नहीं है,क्योंकि जादुयी आंकड़ा अभी भी भाजपा के पास ही है।जिसे वो चाहे अपनी पार्टी का प्रधान बना सकती है,ये अधिकार नगर परिषद कठुआ में भाजपा के पास मजबूती से है,लेकिन राजनीति करने की अब मानसिकता पाल चुके भाजपा के कुछ पार्षद अपनी ही पार्टी की परिषद होते हुए भी किसी एक पर पार्टी की मुहर लगने से पहले जुगाड़बाजी में जरूर लगेंगे और लग भी चुके हैं।दरअसल इस बार होने वाले मात्र एक साल के प्रधान के लिए चुनाव में भाजपा के मौजूदा समय में एक नहीं बल्कि चार चार दावेदारी में है,हालांकि बनना तो एक ही है और बनेगा वहीं जिसे पार्टी चाहेगी। लेकिन उससे पहले कब अधिसूचना जारी हो,जिसका सब इंतजार कर रहे हैं,खासकर भाजपा के वो पार्षद जो दो साल से नरेश शर्मा को हटाने में लगे थे,सबसे ज्यादा उन्हें नरेश शर्मा की जगह नया प्रधान चुनने की उत्सुकता लगी है।हालांकि नगर परिषद में संख्या बल पर देखा जाए तो भाजपा का ही प्रधान चुना जाना तय है।इसके लिए भाजपा हाईकमान स्तर पर अभी इसे लेकर कोई विचार विमर्श होता अभी नहीं दिख रहा है।इसका मुख्य कारण अभी चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं होना भी है।अगर भाजपा के सभी 13 पार्षद एकजुट रहते हैं तो विरोधियों को गत वर्ष की तरह अपनी चाल चलने का मौका नहीं मिलेगा। अब देखना ये है कि चुनाव तक इस बार भाजपा के सभी एकजुट रहते है या नहीं, ये तो समय आने पर ही पता चलेगा।

वहीं इन सब के रहते कुछ भी हो शहर में विगत 13 दिन से खाली पड़ी नप प्रधान की कुर्सी के कारण जारी सभी विकास कार्य जहां थे,वहीं रुक गए हैं।कृष्णा कालोनी स्थित मुख्य गली का रुका निर्माण इसका उदाहरण है।इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी कार्य रुके हैं। शहर में नप की विकास की गतिविधियां रुक गई हैं।जिासकी अब नये प्रधान बनने के बाद ही दोबारा शुरू होने की उम्मीद है। बाक्स---

नगर परिषद में पार्षदों की संख्या

भाजपा : 13

निर्दलीय :।

कांग्रेस :1

कुल : 21


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