नगर परिषद की सरदारी, अल्पमत सब पर भारी
जागरण संवाददाता, कठुआ : निकाय चुनाव के परिणाम 20 अक्टूबर को घोषित हो चुके हैं। मगर कठुआ नगर परिषद का
जागरण संवाददाता, कठुआ : निकाय चुनाव के परिणाम 20 अक्टूबर को घोषित हो चुके हैं। मगर कठुआ नगर परिषद का चेयरमैन की कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसकी तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। शहर की जनता नए चेयरमैन का नाम जानने के लिए उत्साहित है, जिसके चलते आजकल शहर में कौन बनेगा चेयरमैन की चर्चा जोरों पर है। मगर अभी तक चुनाव जीतने वालों में से कोई भी दल चेयरमैन पद के लिए किसी का नाम भी स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। शहर में मौजूदा समय के सबसे बड़े सवाल को लेकर असमंजस बरकरार है।
प्रधान पद की दावेदारी जताने वाले पार्षद भी अब खामोश होकर एक दूसरे के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कौन, कब और क्या फैसला ले लेगा। इसकी स्थिति कोई नहीं जान पा रहा है। हालांकि अभी ये तो नगर परिषद चेयरमैन के चुनाव के लिए जारी होने वाली अधिसूचना के बाद ही स्पष्ट होगा कि उक्त पद के लिए कौन-कौन नामांकन पत्र भरता है। मगर उनमें से भी कौन बाजी मारेगा, ये कोई नहीं जानता है। चुनाव के मौके पर कोई कुछ भी फैसला ले सकता है। नप प्रधान चुनाव के लिए अगले एक दो दिन में अधिसूचना जारी होने वाली है। उसके बाद कौन-कौन नामांकन पत्र भरता है,कुछ तस्वीर सामने आएगी,लेकिन बाजी कौन मारेगा, ये तो चुनाव के परिणाम के बाद ही पता चलेगा। ऐसा ही गत 2005 के चुनाव में हुआ था। कठुआ नगर परिषद में इस समय 8 भाजपा, 5 कांग्रेस और 2 उसके सहयोगी और 6 अन्य निर्दलीय अलग-अलग गुटों में हैं। चेयरमैन की कुर्सी के लिए 11 का आंकड़ा छूना है। कैसे दावा पेश कर सकती है भाजपा
भाजपा के पास आठ पार्षद हैं, ऐसे में उसे तीन और पार्षदों की आवश्यकता है। अगर कोई भी तीन निर्दलीय भाजपा के साथ हो जाते हैं तो भाजपा बहुमत हासिल कर लेती है और चेयरमैन की कुर्सी पर अपने पार्षद को बैठा सकती है। कांग्रेस के लिए भी है रास्ता
कठुआ नगर परिषद में कांग्रेस के पांच पार्षद जीत कर आए हैं। दो निर्दलीयों का पहले ही समर्थन है। कुल मिलाकर कांग्रेस के पक्ष में सात पार्षद हैं। ऐसे में कोई भी चार निर्दलीय कांग्रेस के हाथ हो जाएं तो कांग्रेस चेयरमैन पद पर कब्जा कर सकती है। निर्दलीयों की संभावनाएं
कठुआ में छह निर्दलीय अलग-अलग वार्डो से जीत कर आए हैं, जबकि दो निर्दलीय कांग्रेस समर्थक हैं। अगर कांग्रेस समर्थक दोनों निर्दलीय भी अलग-अलग हो जाएं और अन्य छह निर्दलीय कांग्रेस के साथ मिल जाएं तो निर्दलीय की टीम 11 का आंकड़ा पूरा कर सकते हैं और किसी को भी चेयरमैन बना सकते हैं।