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नागरिकता संशोधन विधेयक को हिंदू संगठनों ने सराहा

करने के बाद अब नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किए जाने पर जहां भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार की बड़ी सफलता एवं ऐतिहासिक करार दिया हैवहीं विरोधी दल इसका में धर्म और जाति के आधार पर बांटने का आरोप लगाकर विरोध कर रहे हैं। बिल पास होने पर दोनों दलों के समर्थकों की अलग-अलग राय है। भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस बिल के पा

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 06:29 PM (IST)
नागरिकता संशोधन विधेयक को हिंदू संगठनों ने सराहा
नागरिकता संशोधन विधेयक को हिंदू संगठनों ने सराहा

जागरण संवाददाता, कठुआ : अनुच्छेद 370 और 35 ए खत्म करने के बाद अब नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किए जाने पर जहां भाजपा समर्थक ने मोदी सरकार की बड़ी सफलता एवं ऐतिहासिक करार दिया है, वहीं विरोधी दल इसे धर्म और जाति के आधार पर बांटने का आरोप लगाकर विरोध कर रहे हैं। बिल पास होने पर दोनों दलों के समर्थकों की अलग-अलग राय है। भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस बिल के पास होने पर 70 साल से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित गैर मुस्लिम हिदुओं सहित कई समुदाय के लोगों को न्याय मिलेगा और उन्हें भी नागरिकता मिलने का अधिकार मिल सकेगा। हर किसी को नागरिक बनकर जीने का अधिकार है, लेकिन पूर्व सरकार की उपेक्षा के कारण सहमी जिदगी जीने को मजबूर है। सरकार ने उन्हें नागरिक बनाकर जीने का अधिकार देने का फैसला किया है, वहीं विरोधी दल इसे धर्म और जात के आधार पर देश को बांटने का काम कर रहे हैं। इससे देश में कुछ समुदायों में उपेक्षा की भावना बनेगी। कोट्स---

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भाजपा सरकार की ये सबसे बड़ी उपलब्धि है। इस ऐतिहासिक बिल के पास होने से अब लाखों की संख्या में देश में कई दशकों से पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश जैसे देश से उपेक्षा के कारण दुखी थे, उन्हें अब काफी राहत मिली है। उन्हें भी जीने का अधिकार मिलेगा। बिल के पास होने से कई सालों से प्रताड़ित लोगों को भी अब नागरिक बनकर जीने का अधिकार मिलेगा।

-विद्यासागर शर्मा, स्थानीय भाजपा, नेता कोट्स---

इस तरह की नीतियों से देश धर्म और जातपात के आधार पर बंटेगा, एक समुदाय अपने आप को उपेक्षित महसूस करेगा। सरकार को जाति या धर्म के आधार पर लोगों को बांटने वाला कानून नहीं बनाने चाहिए, सभी को बराबर दर्जा देना चाहिए, जैसे पीछे से रहते आए हैं।

-कुलवीर सिंह पठानिया, सचिव, प्रदेश कांग्रेस, जम्मू कश्मीर कोट्स---

नागरिकता संशोघन बिल का पास होना देश के संविधान की धारा 14 का उल्लंघन है। ऐसे बिल भारत जैसे देश में ठीक नहीं है। ये अच्छी बात नहीं है, धर्म निरपेक्ष जैसे देश में सरकार को किसी को भी जाति या धर्म के आधार पर नहीं बांटना चाहिए, रिफ्यूजियों का स्थायी रूप से बसाने के प्रयास होने चाहिए न कि उसमें भी भी धर्म और जातपात देखकर बसाया जाए, ये मानवता के खिलाफ है।

-सुशील गुप्ता, एडवोकेट। कोट्स--

भाजपा इस तरह के फैसले करके देश का भला नहीं, बल्कि लोगों के बीच नफरत पैदा कर रही है। प्रताड़ित कोई भी हो, उसे कानून के अनुसार न्याय मिलना चाहिए, इसमें धर्म जात देखना सरकारों का काम नहीं, ब्लकि संगठन का काम हो सकता है, जो कि भाजपा कर रही है। सरकार का काम किसी को जाति के आधार पर प्रताड़ित नहीं करना चाहिए।

-गणेश भल्लड़, स्थानीय निवासी। कोट्स--

भाजपा ने अपने कार्यकाल में ऐतिहासिक फैसले लेकर देश को मजबूत बनाने का बीड़ा उठाया है. लोगों से किए वादों को पूरा कर रही है। चुनावी मुददे में नागरिक संशोधन बिल पास करके साबित कर दिया है कि पूर्व सरकारों की गलतियों को भाजपा ने अपने शासनकाल में पूरा कर दिया है। नागरिकता संशाधन बिल पास करके भाजपा ने देश के नागरिकों को बता दिया है कि उसका हर कदम देश हित में है।

-रमेश गुप्ता, भाजपा नेता। कोट्स--

नागरिकता संशोधन विधेयक पारित करके भाजपा की केंद्र सरकार देश के सौ करोड़ नागरिकों के साथ अपनी वचनबद्धता का बड़ा उदाहरण दिया है। इससे देश मजबूत होगा और दूसरे देशों में रहने वाले हिदुओं में सम्मान से जीने की आस बंधी है। उन्हें लगा कि उनकी भी कोई सुध लेने वाली सरकार है। केंद्र सरकार का ये फैसला सराहनीय है। इससे बिना नागरिकता से रह रहे लोगों को अब नागरिकता मिलेगी। इसे सरकार की दरियादिली कहा जाएगा।

-विजय टगोत्रा, हिदू एकता मंच।


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