पापा के साथ गुरु भी बने हैं अपने तीन बेटियों के लिए
राकेश शर्मा कठुआ वैसे तो बच्चों के लिए पापा स्पेशल ही होते हैं जो उनकी हर जरूरत पू
राकेश शर्मा, कठुआ : वैसे तो बच्चों के लिए पापा स्पेशल ही होते हैं, जो उनकी हर जरूरत पूरी करने के लिए दिन रात मेहनत कर उन्हें मुकाम तक पहुंचाने का प्रयास करते है। कई बच्चों के लिए पापा और भी स्पेशल बन जाते हैं, जब वे उन्हें मुकाम तक पहुंचाने में पापा का पूरा फर्ज निभाने के साथ-साथ गुरु भी बन कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद करते हैं। ऐसा ही एक पापा जो अपनी तीन बेटियों का पिता होने का पूरा दायित्व तो निभा ही रहा है, लेकिन उससे ज्यादा वे उनका गुरु बनकर भी शिक्षा भी दे रहे हैं। हां, हम बात कर रहे हैं कठुआ के निकटवर्ती गांव पल्ली के शक्ति कुमार आर्य की, जो तीन बेटियों के पिता होने का तो फर्ज तो निभा ही रहे हैं, लेकिन उनकी रुचि के अनुसार उनके प्रोफेशन में गुरु की भूमिका भी बाखूबी से निभा रहे हैं। इसके चलते तीनों बेटियों के के लिए उनके पापा स्पेशल है।
सबसे बड़ी बेटी भीवा भारती तो घर में पापा से ही संगीत के गुर सीख कर आज राज्य की गिनी चुनी गायकों की सूची में शामिल हो गई है। भीवा भारती इस समय एमए म्यूजिक कर चुकी है और जम्मू में तबला वादक के रूप में दूसरे स्थान पर है। उससे छोटी बेटी कोमल भारती ने भी एमए सोशालजी और बीएड की है, जबकि तीसरी बेटी करिश्मा जम्मू में म्यूजिक में वॉयलन की ग्रेजूऐशन कर रही है। बाक्स---
तीनों बेटियों के लिए स्पेशल हैं पापा शक्ति आर्य
वन विभाग में अपनी मेहनत से कर्मी से अब फारेस्टर के पद पर पहुंच चुके शक्ति कुमार आर्य अपनी तीनों बेटियों के लिए स्पेशल पापा हैं, क्योंकि वे उनका बेहतर पालन पोषण करने के साथ-साथ उनकी इच्छा के अनुसार शिक्षा भी दिलाने में पीछे नहीं है। इसी के चलते तीनों बेटियों ने अपनी मर्जी के विषय और प्रोफेशन चुने हैंऔर पोस्ट ग्रेजुऐट हैं। शक्ति कुमार बताते है कि शाम को छुट्टी के बाद वे रूटीन में घर में बेटियों सहित म्यूजिक की क्लास लगाते हैं। जिसमें बड़ी बेटी अपनी आवाज से गीत गाती है, उससे छोटी तबला और उससे छोटी वायलन बजाती है और खुद हॉरमोनियम बजाते हैं। ये सिलसिला विगत दो दशकों से जारी है। उन्होंने भी म्यूजिक में ग्रेजूऐशन की है,उन्होंने ये गुर अपने गुरु मुंबई के दस्क्कर से सीखे थे,जब वो जम्मू में म्यूजिक कॉलेज में तैनात थे। उस समय उन्होंने निजी भी केंद्र खोल रखा था,वहां जाकर वो म्यूजिक सीखते थे। वहां से सीखे म्यूजिक को उन्होंने अपनी तीनों बेटियां को भी सिखाया। बाक्स--
हमारे पापा जैसा कोई नहीं
भीवा भारती ,कोमल और करिश्मा का कहना है कि उनके पापा जैसा कोई नहीं है,जो हमारे पापा की भूमिका में दूसरों के पापा से अलग है,वहीं गुरु के रूप में भी उनकी भूमिका दूसरों से अलग है। जिन्होंने हमारी अच्छी परवरिश करके उच्च शिक्षा भी दिलाई और सबसे अहम हम तीनों बहनों की इच्छा के अनुसार गुरु बनकर संगीत की विद्या भी दी। इसलिए हमारे पापा स्पेशल है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप