जिले में 97 हजार पौधे लगाने का वन विभाग ने रखा है लक्ष्य
मुनीष भारद्वाज डीएफओ सोशल फारेस्ट्री कठुआ बरसात के सीजन में वन विभाग इन दिनों पौधार
मुनीष भारद्वाज, डीएफओ, सोशल फारेस्ट्री, कठुआ
बरसात के सीजन में वन विभाग इन दिनों पौधारोपण अभियान के अंतर्गत जगह-जगह पौधे लगा रहा है। पौधारोपण अभियान की मुख्य जिम्मेदारी निभाने वाले वन विभाग के सोशल फारेस्ट्री विंग ने इस साल पंचायतों को भी शामिल किया है। इसके चलते जिले की 257 पंचायतों में पौधारोपण अभियान जारी है। सोशल फारेस्ट्री विंग पंचायतों को निशुल्क पौधे उपलब्ध करा रहा है। पंचायतों को इस बार इस अभियान में सीधे शामिल करने के पीछे मुख्य उद्देश्य पंचायतों को सशक्त बना है, ताकि पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी उनके पास रहे, इससे पौधे सुरक्षित रहेंगे। इस अभियान के तहत जिले में कितने क्षेत्र में पौधे लगाए जा रहे हैं और इसके लिए कितनी फंडिंग हो रही है,इन सब मुददों पर दैनिक जागरण के जिला उप मुख्य संवाददाता राकेश शर्मा ने वन विभाग के सोशल फारेस्ट्री विंग के डीएफओ मुनीष भारद्वाज से विशेष बातचीत की, उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
-क्या सोशल फारेस्ट्री विंग भी 70वें वन महोत्सव के अंतर्गत ही बरसात में पौधारोपण का विशेष अभियान चला रहा है? - हां, वन विभाग हर साल बरसात में वन महोत्सव के रूप में पौधारोपण अभियान चलाता है। दरअसल, इस सीजन में विभाग ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लिए आम लोगों को इसमें शामिल करता है, दूसरा पौधारोपण के लिए बरसात का मौसम वरदान होता है, जिसमें ज्यादा लोग और कार्य ज्यादा हो, वो महोत्सव बन जाता है, इसी के चलते वन विभाग बरसात के सीजन में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर इसे महोत्सव के रूप में मनाता है। इस बार भी गत 8 जुलाई से राज्य में 70वें वन महोत्सव के रूप में पौधारोपण अभियान चलाया जा रहा है। . जिले में इस बार कितने पौधे लगाने का लक्ष्य है?
- जिले में इस बार 97 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है, जिसमें से सिर्फ 60 हजार मानसून में लगाए जाएंगे, अन्य विंटर सीजन में लगाए जाएंगे। . अब तक कितने पौधे लगाए जा चुके हैं?
- अब तक 20 हजार से ज्यादा पौधे लग चुके हैं और ये क्रम तेजी से जारी है, पौधे लगाने के लिए इस बार पंचायतों में कुल 59 यूनिट बनाए गए हैं। जिसमें से 7 आरडीएफ यानि री- स्ट्रक्चर यानि वन क्षेत्र में बनाए गए हैं, 7 विलेज वुड लॉक, जिसमें पंचायतों को शामिल किया गया है। इसके अलावा मार्गो के किनारे 46 स्ट्रीपस बनाई गई हैं, पंचायतों में सभी कमेटियां बना दी गई हैं। कमेटी के चेयरमैन स्थानीय सरपंच को बनाया गया है, ताकि उनकी पंचायत में किए गए पौधारोपण को संरक्षण मिले और पंचायत उनकी देखभाल का जिम्मेदारी ले। हालांकि इसका लाभ भी 75 फीसद पंचायत को ही मिलना है। . जिला में सोशल फारेस्ट्री का कितना क्षेत्र है?
-जिले में कुल 2700 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है। जिला कठुआ के उक्त क्षेत्र के अलावा सांबा की भी 25 पंचायतें सोशल फारेस्ट्री वन क्षेत्र में पड़ती हैं। नई गाइड लाइन के मुताबिक विलेज प्लांटेशन कमेटियां बनाकर अभियान चलाना है। . सोशल फारेस्ट्री और टैराटोरिल विंग भी पौधारोपण अभियान चला रहा है,ऐसे में आपके और उनके कार्य में क्या अंतर है?
-सोशल फारेस्ट्री वन विभाग की भूमि के अलावा सरकारी भूमि पर पौधारोपण अभियान चलाता है, जिसे नान कंवेशनल फॉर्ट के तहत किया जाता है। . पौधारोपण के लिए आपको सरकार कितने फंड देती है?
- पौधारोपण के लिए सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत फंड मिलते हैं, जिसमें जिला योजना के तहत इस बार 13.6 लाख, रस्टे प्लान से 52 लाख, कैंपा के दो पार्ट में एक से 23.73 और दूसरे से 24.73 लाख रुपये फंड मिलते हैं। . क्या आप पौधे निशुल्क बांटते हैं?
- हां, लगभग निशुल्क और जो शुल्क लेकर बांटते हैं, वो भी 2 रुपये से 7 रुपये तक जो कि आज के दौर में कुछ भी नहीं है। सेना, सुरक्षा बलों, पुलिस के अलावा पंचायतों को निशुल्क बांटे जाते हैं। . विभाग की कितनी अपनी नर्सरी हैं?
- विभाग की कुल 9 अपनी नर्सरी है, उनका पौधरोपण प्रोटेक्शन एवं फेंसिंग में होता है। जिसमें से चार ही फंक्शनल है।