Move to Jagran APP

धान की खेती की तैयारी में जुटे किसान

दिक्कतें बढ़ गई हैं। गेहूं की कटाई के बाद किसानों ने अगली फसल लगाने के लिए खेतों को तैयार करना शुरू कर दिया है अगर धान की रोपाई के लिए मजदूर नहीं मिले तो फसल लगाना मुश्किल हो जाएगा। हीरानगर सब डिवीजन में 17734 हैक्टेयर भूमि पर धान की फसल लगती है और इसे लगाने के लिए किसान प्रवासी

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 11:52 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 06:19 AM (IST)
धान की खेती की तैयारी में जुटे किसान
धान की खेती की तैयारी में जुटे किसान

संवाद सहयोगी, हीरानगर: देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से मजदूरों के वापस अपने राज्यों में चले जाने से धान की खेती करने वाले किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। गेहूं की कटाई के बाद किसानों ने अगली फसल लगाने के लिए खेतों को तैयार करना शुरू कर दिया है, लेकिन धान की रोपाई के लिए मजदूर नहीं मिले तो फसल लगाना मुश्किल हो जाएगा।

loksabha election banner

हीरानगर सब डिवीजन में 17734 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल लगती है, इसे लगाने के लिए किसान विभिन्न राज्यों के मजदूरों पर निर्भर हैं। किसानों का कहना है कि पिछली धान की फसल बारिश से सौ फीसद नष्ट हो गई थी, अब लॉकडाउन के बीच मजदूरों के चले जाने से फसल लगाने में मुश्किल हो सकती है, ऐसे में कृषि विभाग को धान की रोपाई के लिए मशीनें मंगवानी चाहिए तथा कुछ ऐसी फसलें लगानी चाहिए जिन्हें लगाने के लिए मजदूरों की ज्यादा जरूरत न हो। कोट्स---

लॉकडाउन की वजह से खेती का धंधा प्रभावित होने लगा है। गेहूं की कटाई तो पंजाब से आई कंबाइन से करवा ली थी, लेकिन आगे धान की रोपाई के लिए मजदूर नहीं आए तो फसल लगाना मुश्किल हो जाएगा। कृषि विभाग को रोपाई के लिए भी मशीने मंगवानी चाहिए तथा वे फसलें लगवानी चाहिए जिसके लिए मजदूरों की कम जरूरत हो।

- तयंतर सिंह, लदवाल। कोट्स---

हीरानगर क्षेत्र के ओल्ड सांबा व कठुआ के आसपास गांवों में भूजल स्तर काफी उपर है, वहां धान के सिवाय और कोई फसल नहीं लगती। इस समय मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं, जिनके जल्द वापस आने की कोई उम्मीद नहीं लगती। इस कारण किसानों की चिता बढ़ गई है। कृषि विभाग को अगली फसल लगाने के लिए कोई नई तकनीक खोजनी चाहिए, ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो।

-तिलक राज, सरपंच, कुंथल। कोट्स---बाक्स---

हीरानगर सब डिवीजन में 17734 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है। विभाग ने बासमती 370और मक्की का बीज केंद्रों में भेज दिया और बीज जल्द आ जाएंगे। फसल लगाने के लिए उपकरण, मशीनें खरीदने पर सरकार सब्सिडी दे रही है। हीरानगर मढीन जोन में जुलाई माह तक रोपाई होती है, तब तक लॉकडाउन खुल गया तो मजदूर आ सकते हैं। फिर भी विभाग किसानों को पूरा सहयोग करेगा।

- मनोहर लाल शर्मा, एसडीओ, कृषि विभाग, दयाला चक।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.