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किसानों को बासमती की फसल खराब होने का सताया डर

जमींदोज हुई फसल को काटने के लिए भी मजदूर नहीं मिल रहे। किसान तरसेम लाल तिलक राज राम दास मनोहर लाल जनक राज बोधराज का कहना है कि इस बार फसल

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 06:34 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 01:26 AM (IST)
किसानों को बासमती की फसल खराब होने का सताया डर
किसानों को बासमती की फसल खराब होने का सताया डर

संवाद सहयोगी, हीरानगर: आसमान में छाए बादलों ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। पिछले दिनों हुई बारिश का पानी खेतों में सूखा नहीं है, वहीं वीरवार को दोबारा बूंदाबांदी शुरू हो जाने से बासमती की फसल खेतों में खराब होने का डर सताने लगा है।

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हीरानगर क्षेत्र में अभी कटाई का काम तीस फीसद ही हुआ था। एक तरफ यहां कटी हुई फसल पानी में डूबी हुई है, जिसके कारण किसानों को फसल की कटाई करना मुश्किल हो गया है। जमीन में सटी फसल को काटने के लिए भी मजदूर नहीं मिल रहे। किसान तरसेम लाल, तिलक राज, राम दास, मनोहर लाल, जनक राज, बोधराज का कहना है कि इस बार फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। दाने भी काले हो गए हैं, जिसे व्यापारी नहीं खरीदेंगे। अगर दोबारा मूसलधार बारिश होती है तो खड़ी फसल नष्ट हो जाएगी। वहीं कृषि विभाग के हीरानगर सब डिवीजन के एसडीओ मनोहर लाल शर्मा का कहना है कि बारिश से बासमती को काफी नुकसान हो चुका है। विभाग के कर्मचारियों की टीमें गांवों में जाकर नुकसान की रिपोर्ट बना रही है, एक सप्ताह में रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी।


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