गुलाम हैदर मलिक होंगे कांग्रेस में शामिल
संवाद सहयोगी बनी पहाड़ी क्षेत्र बनी की सियासत में एक बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता क्योंकि
संवाद सहयोगी, बनी: पहाड़ी क्षेत्र बनी की सियासत में एक बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता, क्योंकि बड़े-बड़े नेता एक दूसरी पार्टी में आने जाने की तैयारियों में जुट गए हैं। 1996 में राज्य सरकार ने बनी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाया था। उससे पहले बसोली और बनी एक ही विधानसभा क्षेत्र हुआ करता था।
1996 में पहली बार गुलाम हैदर मलिक नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे, उससे पहले गुलाम हैदर मलिक काग्रेस पार्टी में थे, काग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट न दिया और नाराज होकर नेशनल कॉन्फ्रेंस का दामन थाम लिया था। प्रेम सागर अजीज को काग्रेस का टिकट दिया था। 2002 में प्रेम सागर ने काग्रेस का टिकट पर चुनाव लड़कर बनी विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। 2008 में बनी से बीजेपी के टिकट पर पहली बार मास्टर लालचंद जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे। 2014 में चुनाव में रजनी शर्मा ने काग्रेस का टिकट पर चुनाव लड़ा था और प्रेम सागर अजीज ने इसका विरोध किया था, जिस पर काग्रेस ने प्रेम सागर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। 2019 में विधानसभा चुनाव की तैयारिया शुरू हो गई है ऐसे में बनी कि सियासत में भी नेताओं ने एक दूसरी पार्टी का दामन थामना शुरू कर दिया है। काग्रेस से निकाले गए प्रेम सागर अजीज ने 6 महीने पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस का दामन और बनी में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रातीय प्रधान देवेंद्र राणा के दौरे के दौरान उन्होंने प्रेम सागर की तारीफ की थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस का टिकट भी उनको मिलने की उम्मीद होने पर पूर्व विधायक और पूर्व डिप्टी स्पीकर गुलाम हैदर मलिक ने खुलकर उसका विरोध करना शुरू कर दिया था। यहा तक की देवेंद्र राणा के बनी दौरे के दौरान मंच पर भी गुलाम हैदर मलिक ने भी अपने दिल का अरमान निकाला था। यहा तक की उन्होंने मंच पर प्रेम सागर को बनी से बाहर का व्यक्ति तक कह डाला। उसके बाद गुलाम हैदर मलिक अपने समर्थकों सहित जम्मू में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला के पास भी गए थे और शिकायत दर्ज की थी कि अगर प्रेम सागर को नेशनल कॉन्फ्रेंस का टिकट दिया गया तो बनी में पार्टी को नुकसान हो सकता है। अब यह लगभग तय माना जा रहा है कि सोमवार 25 फरवरी को गुलाम हैदर मलिक जम्मू में काग्रेस का दामन थाम सकते हैं। अगर गुलाम हैदर मलिक काग्रेस में जाते हैं तो बनी की सियासत में एक और काफी दिलचस्प बातें देखने को मिलेंगे, क्योंकि प्रेम सागर का काग्रेस से निकलने के बाद बनी में काग्रेस पूरी तरह कमजोर पड़ गई थी। पिछली विधानसभा चुनाव में पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री पंडित मंगतराम शर्मा के पुत्र रजनीश शर्मा ने काग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और मात्र 1300 के करीब वोट लेकर हार गए थे। अब गुलाम हैदर मलिक के काग्रेस में आने से काग्रेस को कितना लाभ मिलता है यह तो आने वाला समय ही बता सकता है। बनी के काग्रेस के अध्यक्ष रोशन लाल ने इस संबंध में जानकारी दी है कि गुलाम हैदर मलिक सोमवार 25 फरवरी को जम्मू में काग्रेस के एक सम्मेलन में काग्रेस पार्टी में दोबारा शामिल होंगे।