टोल प्लाजा हटने से रोजी रोटी का संकट, प्रदर्शन
के बाद भले ही पूरे प्रदेश के व्यापारी एवं आम लोग राहत महसूस कर रहे हैं लेकिन स्थानीय कस्बे के दुकानदार एवं अन्य कर्मियों को रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं।
जागरण संवाददाता, कठुआ: लखनपुर से टोल प्लाजा हटाने के बाद भले ही पूरे प्रदेश के व्यापारी एवं आम लोग राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय कस्बे के दुकानदार एवं अन्य कर्मियों को रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। टोल प्लाजा हटने से लखनपुर के 500 के करीब कारोबारी सीधे प्रभावित हुए हैं, जिनका कारोबार गत 1 जनवरी से टोल वसूली बंद होने के साथ ही बंद हो गया है। उक्त सभी कारोबारियों का कार्य सीधे तौर पर टोल प्लाजा से ही जुड़ा था। इससे वहां प्रतिदिन टोल अदा करने के लिए रुकने वाले ट्रकों से ही उनकी रोजी रोटी चलती थी।
शुक्रवार यानि तीसरे दिन भी बीच सड़क पर आकर सैकड़ों प्रभावित कारोबारियों ने सरकार के खिलाफ लखनपुर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल प्रभावितों ने सरकार से उन्हें पुनर्वास करने की मांग करते हुए कहा कि उन्हें टोल प्लाजा हटाने के एवज में सरकार राहत घोषित करें, ताकि वे कहीं और जाकर अपना नया धंधा शुरू कर सके या फिर सरकार उन्हें लखनपुर में ही ऐसे कार्यालय खोले, जिससे उनका धंधा फिर चल सके। ऐसे में उनके लिए रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा।
प्रदर्शन में शामिल राजेंद्र बख्शी, अंकित शर्मा, दर्शन सिंह, सुरेंद्र सिंह, राजेश शर्मा आदि ने कहा कि सरकार के इस फैसले से वे उजड़ गए हैं। टोल हटने से करीब तीन हजार लोगों के हाथों से रोजगार छिन गया है। सरकार को ऐसे कड़े फैसले लेने से पहले प्रभावितों के लिए भी सोचना चाहिए था। सरकारों का काम लोगों को रोजगार देना है न कि छीनना। जहां पर सरकार ने उनकी रोजी छीनने का काम किया है। उन्होंने वर्तमान सरकार की इस नीति का कड़ा विरोध करते हुए चेतावनी दी कि जब तक उनकी रोजी रोटी का सरकार प्रबंध नहीं करती, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्रदर्शन में शामिल जिला भाजपा प्रधान प्रेम नाथ डोगरा ने कहा कि वे इसके लिए सरकार से बात करेंगे, ताकि प्रभावितों को राहत मिल सके। टोल प्लाजा हटने से 300 के करीब भल्ले की रेहड़ियां लगाने वालों के अलावा 200 अन्य कारोबारी प्रभावित हुए हैं। जिनका कार्य ही वहां टोल के लिए रुकने वाले वाहनों पर निर्भर था। ऐसे वो सीधे इससे प्रभावित हुए हैं।