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टावर के लिए ली गई भूमि का मिले मुआवजा

टावर लगाने के लिए ली गई भूमि का उचित मुआवजा दिए जाने की हीरानगर क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। शनिवार को दर्जनों लोगों ने एडीसी कठुआ घनश्याम सिंह से मिलकर उनकी समस्या का समाधान किए जाने की मांग उठाई। जिसके बाद एडीसी कठुआ ने लोगों की मांग को संबंधित विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में लाने

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 08:31 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 06:23 AM (IST)
टावर के लिए ली गई भूमि का मिले मुआवजा
टावर के लिए ली गई भूमि का मिले मुआवजा

जागरण संवाददाता, कठुआ: बिजली के टावर लगाने के लिए ली गई भूमि का उचित मुआवजा दिए जाने की हीरानगर क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है।

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शनिवार को दर्जनों लोगों ने एडीसी घनश्याम सिंह से मिलकर समस्या का समाधान किए जाने की मांग उठाई। इसके बाद एडीसी ने लोगों की मांग को संबंधित विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया।

इस बारे में प्रशासन के समक्ष अपनी समस्या को रखने पहुंचे रामचंद, शाम लाल, मोहन लाल ने कहा कि करीब पांच वर्ष पूर्व पावर ग्रिड कारपोरेशन द्वारा हीरानगर क्षेत्र में अपनी 220 के.वी. की लाइन के लिए दर्जनों की संख्या में टावर लगाए गए थे, जिसके लिए उस समय उनकी जमीनें इस आश्वासन के साथ ली गई थी कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन पांच साल का लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी उन्हें मुआवजे की रकम नही मिली है। अब जब लोगों ने अपनी भूमि का मुआवजा मांगने के प्रयास शुरू किए गए तो उन्हें 1.25 लाख रूपया प्रति मरला के हिसाब से मुआवजा देने की बात की जा रही है। जबकि लोगों की मांग है कि उन्हें उनकी भूमि का 2 लाख रूपया प्रति मरला मुआवजा मिलना चाहिए। क्योंकि जिस भूमि से लाइन गुजर रही है वह अब उनके इस्तेमाल में नहीं आएगी। लिहाजा उनकी मांग जायज है। अब जम्मू कश्मीर को यूटी का दर्जा मिल गया है तो केंद्र सरकार को उनके मुआवजे का बंदोबस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज प्रशासन के समक्ष अपनी मांग को रखा गया है अगर फिर भी समस्या का समाधान न हुआ तो वह आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।


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