बच्चों को अपने रिश्तेदारों के यहां जाना पड़ा महंगा
लॉक डाउन के बीच बच्चों को अपने रिश्तेदारों के जाना इस बार काफी मंहगा पड़ा है। जिला के अब तक 40 से ज्यादा बच्चे पंजाब व हिमाचल में अपने रिश्तेदारों से वापस आने के लिए प्रशासन से गुहार लगाने के बाद कई दिनों के बाद लौटे हैं। इसी क्रम में मंगलवार बसोहली के सांधर गांव के दो बच्चे दूनेरा पंजाब में लाक डाउन के कारण वहां 40 दिन से फंसे होने पर घरों को लौटे। हालांकि बसोहली के बिल्कुल नजदीक पड़ते दूनेरा से बच्चों के परिजनों ने अपनी बुआ सपना के घर से
जागरण संवाददाता,कठुआ:
कोरोना संकट के चलते जारी लॉक डाउन के बीच बच्चों को अपने रिश्तेदारों के जाना इस बार काफी मंहगा पड़ा है। जिला के अब तक 40 से ज्यादा बच्चे पंजाब व हिमाचल में अपने रिश्तेदारों से वापस आने के लिए प्रशासन से गुहार लगाने के बाद कई दिनों के बाद लौटे हैं। इसी क्रम में मंगलवार बसोहली के सांधर गांव के दो बच्चे दूनेरा पंजाब में लाक डाउन के कारण वहां 40 दिन से फंसे होने पर घरों को लौटे। हालांकि बसोहली के बिल्कुल नजदीक पड़ते दूनेरा से बच्चों के परिजनों ने अपनी बुआ सपना के घर से वापस लाने का प्रयास अटल सेतु से भी किया लेकिन पुलिस ने वहां से अनुमति नहीं दी। जिसके बाद जिला प्रशासन से गुहार लगाई गई,हालांकि बच्चों नितिन और रंजना देवी के अभिभावक जारी लॉक डाउन के बीच इंटरस्टेट पार करने की पाबंइी के बीच उसे बुआ के घर तो लाने के लिए नहीं जा पाये। जिसके चलते उनकी बुआ लखनपुर सीमा पर पहुंची और इधर बच्चों के अभिभावक उन्हें लखनपुर गए थे। जैसे ही बच्चों ने अपनी मां कांता देवी और पिता महेंद्र लाल को देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बच्चों को छोड़ने के बाद बुआ लखनपुर से वापस चली गई और इधर बच्चों का टेस्ट करने के बाद उन्हें बसोहली के उनके गांव में घर में ही क्वारंटाइन रखने के आदेश के बाद वहां भेज दिया।