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थमा दिए लाखों के बिल, जताया विरोध

को विभाग गरीब लोगों को लाखों रूपए के बिल भेजकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। उन्होनें ने बताया कि समस्या लेकर आए लोगों को चौबीस हजार से लेकर 1.71 हजार रूपए के बिल भेजे गए हैं। वार्ड के लोग रोजाना दिहाड़ी लगाकर पेट भरने वाले लोग इतना भारी भरकम बिल देने में असमर्थ है। इनमें से कुछ म

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 01:34 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:19 AM (IST)
थमा दिए लाखों के बिल, जताया विरोध
थमा दिए लाखों के बिल, जताया विरोध

संवाद सहयोगी, कठुआ : बिजली विभाग द्वारा वार्ड नौ के निवासियों को बिजली के बिल 24 हजार से लेकर 1 लाख 71 हजार रुपये भेजे जाने के विरोध में लोगों का प्रतिनिधिमंडल डीसी से मिला।

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इस दौरान लोगों ने कहा कि वार्ड के ज्यादातर लोग दिहाड़ी लगाते हैं और उनके घर का गुजर बसर बड़ी मुश्किल से होता है, लेकिन बिजली विभाग द्वारा वार्ड के लोगों को लाखों रूप के बिल दिए गए है, प्रशासन से मांग करते कहा कि इन लोगों के बिजली के बिल कम किए जाए और इनके काटे हुए कनेक्शन को दोबारा जोड़ा जाए।

भारी भरकम बिल के विरोध में वार्ड नौ के निवासियों की अगुवाई राष्ट्रीय जनता दल के एसके भंडारी कर रहे थे। उन्होंने बिजली विभाग के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को विभाग लाखों रुपये के बिल भेजकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। उन्होंने बताया कि समस्या को लेकर आए लोगों को चौबीस हजार से लेकर 1 लाख 71 हजार रुपये के बिल भेजे गए हैं। वार्ड के लोग रोजाना दिहाड़ी लगाकर पेट भरने वाले हैं जो कि भारी भरकम बिल देने में असमर्थ है। इनमें से कुछ महिलाएं विधवा हैं जो बीपीएल की श्रेणी में आती हैं। उन्होंने कहा कि वार्ड निवासी साई दास के नाम से बिजली विभाग द्वारा 1,68,500 रूपये, कांशी राम 83,145, हंरबस लाल 24,294 को बिजली का बिल भेजे गए है। उन्होंने कहा कि उनका काम करने का तरीका सही नहीं है। उन्होंने कहा कि शहर में जिन लोगों के घरों में चार चार एसी चल रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। और इन लोगों के कनेक्शन काट दिए गए हैं। इस संबंध में बिजली विभाग के अधिकारियों से भी मिले, लेकिन उन्होंने बिल न दिए जाने की सूरत में कनेक्शन देने से इंकार किया है। प्रतिनिधिमंडल ने डीसी से गुहार लगाते हुए लोगों ने मांग की कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अधिकारियों की गलती से कर्जदार बनाने के मामले की जांच की जाए और उससे पहले उनके गलत बिल आने पर काटे गए कनेक्शन चालू किए जाएं।


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