गांवों में एंबुलेंस की दरकार, ग्रामीण परेशान
दर्जनों गांवों को एंबुलेंस की दरकार आपात स्थिति में आती है मुश्किल
संवाद सहयोगी, बसोहली : तहसील के दूरदराज के गांव सनन्घाट गांव की पीएचसी में एंबुलेंस सुविधा न होने के कारण दर्जनों गांवों के लोगों को आपात स्थिति में कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
गांव के सरपंच मदन लाल, पूर्व सरपंच महेश सिंह, मोहिन्द्र सिंह आदि ने बताया कि गांव की पीएचसी पर दर्जनों गांवों सुचेरा, पपराल, पलारा, बंजी, पाटी, डक्की, फरोलु, जगना, रत्तानु, डाबी, ठेरू, समुंध, मियाली आदि के लोग निर्भर हैं। जब गांव में कोई बीमार होता है तो सनन्घाट गांव में उपचार के लिए लाया जाता है। चिकित्सकों अथवा ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ द्वारा बसोहली उप जिला अस्पताल रेफर करने पर मरीज को दिन में तो कोई मुश्किल नहीं आती, अगर रात हो तो बसोहली से टैक्सी किराए पर मंगवा कर उपचार के लिए जाना पड़ता है। वैसे भी शाम के छह बजे के बाद गांव से मेटाडोर सर्विस बंद हो जाती है, जिस कारण सप्ताह में किसी न किसी गांव के रोगी को बसोहली लाने में कठिनाई आती है। ऐसा कई बार हो चुका है कि देरी के कारण रोगी को उपचार देने में उप जिला अस्पताल के चिकित्सकों को मुश्किल आती है। उनका कहना है कि अगर गांव में ही एंबुलेंस सुविधा हो तो धार महानपुर तक के गांवों को आपात सेवाएं लेने में मुश्किल नहीं आएगी। गांववासियों ने पीएचसी सनन्घाट में एंबुलेंस सुविधा प्रदान करने की मांग की है।
उधर, बीएमओ अनुराधा शर्मा ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए वे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा देंगे।