सदैव धर्म के मार्ग का अनुसरण करने की दी सीख
आश्रम में जारी तीन दिवसीय भक्ति सम्मेलन में दूसरे दिन आश्रम परिसर में जारी श्री राम चरित मानस पाठ का भोग डाला गया और इसके उपरांत संत सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें आश्रम जुड़े संत महात्माओं ने अपने प्रवचन से संगत को निहाल किया। इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
संवाद सहयोगी, कठुआ:
शहर के शिवानगर स्थित अद्यैत स्वरूप आश्रम में चल रहे तीन दिवसीय भक्ति सम्मेलन के दूसरे दिन आश्रम परिसर में श्री राम चरित मानस पाठ का भोग डाला गया। इसके उपरांत संत सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें आश्रम से जुड़े संत महात्माओं ने अपने प्रवचन से संगत को निहाल किया। इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
बुधवार को आश्रम संचालिका संत सार ज्योत्सना नंद जी की देखरेख में आयोजित संत सम्मेलन में प्रवचन करते हुए संत महात्माओं ने उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने जीवन को सफल बनाने के लिए सदैव धर्म के मार्ग का अनुसरण करने की सीख दी। वहीं संत सार ज्योत्सना नंद जी ने अपने प्रवचन में गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान ने हमें मानव का शरीर देकर जन्म दिया है, इसका मकसद पूरा करने का मार्ग हमें गुरु ही दिखा सकते हैं। गुरु के ज्ञान के बिना हम अपने जीवन को सार्थक नहीं बना सकते है। अत: हम सभी को अपने जीवन को सफल बनाने के लिए गुरु को धारण करने के साथ उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। आश्रम में हर साल चलने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य ही आश्रम में आने हर श्रद्धालु को उसके जीवन में गुरु के महत्व से परिचित करना है।
इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी रामानंद जी महाराज, स्वामी वेदानंद जी महाराज, स्वामी शब्द प्रेमानंद जी महाराज, आधारशब्दानंद जी महाराज, संत दयालशब्दानंद जी, संत दिव्यानंद जी महाराज, महात्मा अनुरागशरणानंद जी ने भी कार्यक्रम में अपने प्रवचनों से भक्तों को निहाल किया।