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जिले के हर घर-घर जन्में कान्हा, भक्तिमय रहा माहौल

जागरण संवाददाता कठुआ जिले में कोरोना के कारण कई मंदिरों में मंगलवार रात को ही श्रीकृष्ण्

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 12:51 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 12:51 AM (IST)
जिले के हर घर-घर जन्में कान्हा, भक्तिमय रहा माहौल
जिले के हर घर-घर जन्में कान्हा, भक्तिमय रहा माहौल

जागरण संवाददाता, कठुआ: जिले में कोरोना के कारण कई मंदिरों में मंगलवार रात को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही सादगी के साथ मनाई गई। इस दौरान न कहीं झाकी निकली और न ही कहीं मेला लगा। मंदिरों व घरों में ही भजन-कीर्तन किया गया। रात 12 बजे जैसे ही रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की भजन से कुछ श्रद्धालुओं की वजह से वातावरण गूंज उठा। मंदिर व ठाकुरद्वारे शख नगाड़े, घटा घड़ियाल से गूंज उठे। श्रीकृष्ण के जयकारों से पूरा वातावरण भक्ति के रंग में सराबोर हो गया।

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दरअसल, श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया, जिसमें भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप को पालने में झुलाने के लिए सुंदर झूले तैयार किए गए। हालांकि, कई मंदिरों एवं स्थानों में मंगलवार रात को ही श्री कृष्ण जन्माष्टमी की झांकियां प्रस्तुत की गई। भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियों का श्रृंगार करने के लिए मंदिरों के पुजारी विगत दो दिन से लगे थे। अधिकांश मंदिरों में बुधवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। कोरोना महामारी के चलते पहली बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी मंदिरों में तो मनाई जा रही है, लेकिन बिना श्रद्धालुओं की उपस्थिति के। इसके चलते मंदिरों से इस बार जय श्री कृष्णा, जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी की जयघोष श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बिना धीमी रही, लेकिन श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर हर किसी में उत्साह है, नन्हें बच्चों से लेकर बड़ों तक। स्कूल बंद होने के कारण इस बार बच्चों ने घरों में ही श्री कृष्ण के वेश में सजकर अपनी तस्वीरे सोशल व प्रिट मीडिया पर वायरल की। वहीं घरों में कान्हा का जन्मोत्सव पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। श्रद्धालुओं ने व्रत आदि रखकर अपने आराध्य के प्रति आस्था का परिचय दिया। बाक्स---

श्री महालेश्वर शिव दुर्गा मंदिर में मना श्री कृष्ण जन्मोत्सव

श्री कृष्ण जन्मष्टमी के उपलक्ष्य में शहर के श्री महालेश्वर शिव दुर्गा मंदिर में रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण के जन्म की सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई। कान्हा को सुंदर सजे पालने में झुलाया गया। मंदिर के पुजारी रशपाल शर्मा एवं अशोक शर्मा ने इस उपलक्ष्य में जहां कान्हा के बाल रूप को पालने में झुलाया, वहीं उनके जन्म की कथा भी सुनाई। रात भर मंदिर में श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को दुल्हन की तरह सजाया गया। श्रद्धालुओं के लिए इस बार दरबाजे बंद रहे, लेकिन मंदिर के बंद द्वार से भी कान्हा के दर्शन करने के लिए दर्जनों श्रद्धालुओं में उत्साह रहा और कान्हा की एक झलक पाने को लालायित दिखे। बाक्स----

स्कूली बच्चों ने घरों में रहकर मनाया जन्माष्टमी

संवाद सहयोगी, कठुआ: कोविड- 19 की वर्तमान परिस्थितियों में जब सभी बच्चे कोरोना के कारण विद्यालय से दूर घरों में बंद हैं, स्कूल द्वारा उन्हें घर बैठे ही विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में भाग लेकर यह पावन त्योहार मनाने का मौका दिया। बच्चों द्वारा धारण किए गए राधा-कृष्ण, यशोदा आदि के स्वरूपों ने जहाँ एक ओर इस प्रतियोगिता को आकर्षक एवं जीवन्त बनाया। माउंट लिटेरा के प्रधानाचार्या बरिदर जोत कौर ने बच्चों के प्रयासों की सराहना करने के साथ-साथ अभिभावकों के सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया। मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कोरोना संकट के चलते घर पर ही धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर सभी बच्चे ऑनलाइन क्लास में मौजूद रहे। सभी बच्चों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाए जाने के विषय में जानकारी देते हुए कहा गया कि कुछ बच्चो ने श्रीकृष्ण की पोशाक पहनकर थे। इस दौरान स्कूल के छात्र छात्राओं ने अपने घरों में जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया। हालांकि, यह साल 2020 बाकी के सालों से काफी अलग है। कोरोना महामारी की वजह से स्कूल में छात्र छात्राओं के आने पर प्रतिबंध लगा है। इस वजह से छात्रों ने घरों में आनलाइन ही जन्माष्टमी पर्व मनाया।

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बनी में राधा कृष्ण की नई मूर्ति प्रतिष्ठापित की

संवाद सूत्र, बनी: जिले के पहाड़ी क्षेत्र बनी में मंगलवार को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया गया। सुबह से ही लोगों ने मंदिर में मत्था टेका व भजन कीर्तन किया और व्रत रखा। बच्चे सुबह से ही नए कपड़े पहन कर मंदिर में आते जाते दिखे। फलों की दुकानों पर भी काफी संख्या में लोग फल खरीदते देखे गए। बनी के प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण मंदिर में राधा कृष्ण की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई और लोगों ने कोरोनावायरस जैसी महावारी को दूर रखने की भी मन्नत मांगी। मंदिर के पुजारी लेखराज पदा ने कहा के जो मूर्ति वहां पर थी, वह पुरानी हो चुकी थी इसलिए बनी के सभी लोगों के सहयोग से जन्माष्टमी के दिन नई मूर्ति चढ़ाई गई है। इस अवसर पर मंदिर में प्रसाद भी बांटा गया।


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