कंडी क्षेत्र की मिट्टी उपयोगी, किसानों का रुझान अब बागवानी में
संवाद सहयोगी हीरानगरउप मंडल के कंडी क्षेत्र में सूखे की मार झेल रहे किसानों ने अपनी आमदनी बढ़ा
संवाद सहयोगी, हीरानगर:उप मंडल के कंडी क्षेत्र में सूखे की मार झेल रहे किसानों ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए बागवानी शुरू कर दी है, इसके लिए संबंधित विभाग भी किसानों को प्रेरित कर रहा है।
जानकारी अनुसार हीरानगर ब्लाक के विभिन्न गावों के 40 के करीब किसानों ने 800 कनाल भूमि पर नींबू, आम, लीची के पौधे लगाए हैं। विभिन्न योजनाओं के तहत बागवानी विभाग ने सब्सिडी भी मुहैया करवाई है। किसान गिरधारी लाल, जनक राज, तरसेम लाल, बनारसी दास, मदनलाल का कहना है कि कंडी क्षेत्र में सिंचाई नहीं होती, हर साल बारिश कम होने की वजह से एक तो फसल लगती नहीं। अगर लग भी जाए तो बंदर फसल खा जाते हैं। पिछले कई वर्षो से कंडी क्षेत्र में फसलें नहीं हो रही, लेकिन बागवानी के लिए कंडी क्षेत्र की मिट्टी उपयोगी है। ज्यादा पानी की जरूरत भी नहीं पड़ती। नींबू को बंदर भी नहीं खाते। उन्होंने कहा कि अगर बागवानी विभाग सिंचाई के लिए छोटे-छोटे तालाब बनाने के लिए फंड मुहैया करवाए तो किसान फलदार पौधे लगाकर आमदनी बढ़ा सकते हैं।
बागवानी विभाग के तहसील अधिकारी दलजीत सिंह ने कहा कि हीरानगर ब्लॉक में इस साल आठ सौ कनाल भूमि पर नींबू, आम, आवला, लीची आदि के बाग लगाए गए हैं, 40 किसानों को बागवानी के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी मुहैया कराई गई है। बीस कनाल पर बाग लगाने के लिए 30 से 50 हजार तक सब्सिडी दी जाती है। कंडी क्षेत्र में अधिकांश किसान नींबू व आवला लगा रहे हैं। इसे बंदर भी नुकसान नहीं पहुंचाते। पाच साल के बाद बीस कनाल से एक लाख तक आमदनी हो सकती है।