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92 साल की उम्र में चुनाव मैदान में उतर राम कृष्ण ने रचा इतिहास

राकेश शर्मा, कठुआ जीवन के 90 बसंत देख चुके राम कृष्ण की हिम्मत काबिले तारीफ है जिन्हों

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 07:33 AM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 07:33 AM (IST)
92 साल की उम्र में चुनाव मैदान में उतर राम कृष्ण ने रचा इतिहास
92 साल की उम्र में चुनाव मैदान में उतर राम कृष्ण ने रचा इतिहास

राकेश शर्मा, कठुआ

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जीवन के 90 बसंत देख चुके राम कृष्ण की हिम्मत काबिले तारीफ है जिन्होंने निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी कर राज्य में इतिहास रचा है। निकाय चुनाव में जिला कठुआ के नगरी म्यूनिसिपल कमेटी के वार्ड 13 से चुनाव लड़ रहे वृद्ध राम कृष्ण चर्चा में हैं। हालांकि समाज में अक्सर इस उम्र के व्यक्ति को लोग चंद दिनों का ही मेहमान मानना शुरू कर देते हैं। 92 वर्षीय राम कृष्ण भले ही प्रकृति के नियम के अनुसार खुद को कुछ दिनों, महीनों या साल का मेहमान मानते हैं लेकिन उनका आत्मविश्वास, जोश और उत्साह है कि वह अगला चुनाव भी लड़ना चाहते हैं। उनके इसी विश्वास ने उन्हें कस्बे में काकू लीडर के नाम से पहचान दिलाई है। समाज के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद लेकर चुनावी मैदान में विरोधियों को मात देने के लिए पूरा जोश और उत्साह लेकर वह प्रचार में जुटे हैं। सबसे अहम बात यह है कि ज्यादा शिक्षित न होकर भी काकू लीडर में वह करने का जज्बा है, जिसे करने के लिए समाज अक्सर युवाओं को अपील करता देखा जाता है। विशेष एजेंडा लेकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे राम कृष्ण कहते हैं कि चुनाव लड़ने के लिए उम्र नहीं, जब्जा और जोश होना चाहिए। हालांकि वो नेशनल कांफ्रेंस की विचारधारा से जुड़े हैं, जिसके वह डेलीगेट भी रह चुके हैं। भले ही उनकी पार्टी ने चुनाव का वहिष्कार किया है, इस पर उनका कहना है कि अगर उन्हें पार्टी ने पूछा तो वह कहेंगे कि चुनाव लड़ने का विशेष कारण भी है कि उनके कस्बे में सरकारी योजनाएं लागू होने में हुई घपलेबाजी को उजागर करना है। उनके कस्बे में कुछ भ्रष्टाचारियों ने पूर्व में योजनाओं में भारी धांधली की, जिनका हक था, उन्हें उनका लाभ नहीं मिला है। इतनी उम्र में चुनाव जीतने पर भले ही वहे कुछ साल जीवित रहें या न रहें, लेकिन वह द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की शुरूआत जरूर हो जाएगी। वह अगला चुनाव लड़ने के लिए शायद ही जिंदा रहें, हां इतना जरूर है कि वो अपना मकसद इस चुनाव से पूरा करके ही दम लेंगे। उन्हें चुनाव में उनके समर्थक पूरा समर्थन दे रहे हैं। गत चुनाव में मात्र 7 वोटों के अंतर से हारे थे,लेकिन इस बार वो भाजपा और कांग्रेस सहित अन्यों को भी शिकस्त देंगे और सदस्य बन कर वार्ड के लोगों की सेवा करेंगे। उनके लिए वो खून का एक एक कतरा देने को तैयार है।


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