ऐतिहासिक रामलीला का पहला मंचन
संवाद सहयोगी, बसोहली : बसोहली की ऐतिहासिक रामलीला बुधवार को देर रात को कड़ी सुरक्षा के प्रबंधों के बी
संवाद सहयोगी, बसोहली : बसोहली की ऐतिहासिक रामलीला बुधवार को देर रात को कड़ी सुरक्षा के प्रबंधों के बीच शुरू हुई। सभी कलाकारों ने रक्षा बंधन के दिन से लगाए हुए महावीर के झंडे की पूजा के पश्चात गणेश पूजा के साथ रामलीला का शुभारंभ किया गया। ऐतिहासिक रामलीला के पहले दिन में रात को खुले आसमान के नीचे की रामलीला लोगों को पहले नवरात्रों का पहला पाठ दिखाया गया। पहली नवरात्र का मुख्य आकर्षण धरती मां भगवान विष्णु तथा राक्षसों के अत्याचार से दुखी होकर विनम्र प्रार्थना करती है। विष्णु भगवान का धरती पर जन्म लेने का वचन देना और श्रवण कुमार माता-पिता को चार धाम की सैर को ले जाना दशरथ का शिकार पर जाना और शिकार के दौरान दशरथ के द्वारा श्रवन का वध करना शामिल है। पहले दिन के रामलीला मंचन को देखने के लिए बड़े, बूढ़े, बच्चे, महिलाओं की खासी भीड़ देखने को उमड़ी।
उत्सव से कम नहीं बसोहली रामलीला
बसोहली की रामलीला किसी उत्सव से कम नहीं होती। सभी दुकानों में रंग रोगन किया जाता है और गलियों को साफ करने के लिए म्यूनिसिपल कमेटी कार्यालय के सफाई कर्मचारी पूरा सहयोग देते हैं। बसोहली से बाहर काम कर रहे युवा, विवाहित युवतियां इस अवसर पर बसोहली पहुंचकर रामलीला को देखने आते हैं। पंजाब, हिमाचल से भी रोजाना राम भक्त रामलीला देखने के लिए आते है। रामलीला क्लब के प्रधान चंद्र शेखर के अनुसार बाहर से आने वाले दर्शकों के लिए क्लब द्वारा रहने खाने और बैठने का विशेष प्रबंध क्लब द्वारा लोगों के सहयोग से किया गया है। प्रधान ने बताया कि बसोहली रामलीला में काम कर रहे कलाकार निशुल्क काम करते है और पूरे नवरात्रों के दौरान व्रत रखते है। बिना लोभ, लालच के स्थानीय समाज सेवी रामलीला के आयोजन में पूरा सहयोग लगातार 10 दिन देते है।