बारिश के बाद गेहूं की बिजाई में जुटे कंडी क्षेत्र के किसान
बारिश होने से खेतों में बनी नमी के बाद किसानों ने गेहूं की बिजाई शुरू कर दी है। हालांकि बारिश देर से होने की वजह से गेहूं की बिजाई लेट से हो रही है। ऐसे में गेहूं की पैदावार बेहतर होने की उम्मीद तो नहीं है लेकिन पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था हो जाएगी।
संवाद सहयोगी, हीरानगर : बारिश होने से खेतों में बनी नमी के बाद किसानों ने गेहूं की बिजाई शुरू कर दी है। हालांकि, बारिश देर से होने की वजह से गेहूं की बिजाई लेट से हो रही है। ऐसे में गेहूं की पैदावार बेहतर होने की उम्मीद तो नहीं है, लेकिन पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था हो जाएगी।
किसानों का कहना है कि एक तो कंडी क्षेत्र में बंदर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके कारण अन्य फसलें नहीं लगाते। वहीं सिंचाई की भी उचित व्यवस्था नहीं होने से जमीन खाली रहती है। पशुओं के चारे के लिए थोड़े बहुत किसान खेती करते हैं। अगर एक माह पहले बारिश हुई होती तो फसल का थोड़ा बहुत पैदावार हो सकती थी।
बारिश पर निर्भर हैं कंडी के किसान
बारिश पड़ने के बाद खेतों में नमी होने से कुछ किसान गेहूं की बुआई कर रहे हैं लेकिन पैदावार होने की संभावना बहुत कम है। गेहूं की बुआई का समय निकल चुका है। फिर भी किसान पशुओं के चारे के लिए बुआई कर रहे हैं। पहले सिचाई के अभाव में फसलें सूख जाती थी। अब बारिश समय पर होने से फसल लग भी जाए तो बंदर खा जाते हैं। सरकार से बंदरों से निजात दिलाने की कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन इस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। बारिश पड़ने पर थोडे़ बहुत किसान फसल लगा रहे हैं। पैदावार होने की संभावना कम है।
कंडी क्षेत्र के किसान बारिश पर निर्भर हैं। अगर समय पर बारिश हो तभी खेती होती है। कंडी क्षेत्र में बंदरों की संख्या बढ़ गई है, जो फसलों को नष्ट कर देते हैं। इसके कारण अधिकतर किसान अब खेती नहीं करते। बारिश होने पर कुछ किसान गेहूं लगा रहे हैं। ताकि पशुओं को चारा मिल सके। -अश्विनी शर्मा, सरपंच गरा कंडी क्षेत्र में पहले नमी नहीं होने की वजह से किसान फसल नहीं लगा पाए थे। अब बारिश से थोड़ी राहत मिली है। किसानों ने बुआई शुरू कर दी है। बीज केंद्रों पर उपलब्ध है। जरूरत के मुताबिक बीज खरीद सकते हैं।
रमन गुप्ता, एसडीओ, कृषि विभाग