किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में बुलंद की आवाज
संवाद सहयोगी हीरानगर राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिवदेव सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिवदेव सिंह के नेतृत्व में मढ़ीन क्षेत्र में के किसानों ने बुधवार को भी तहसील कार्यालय के बाहर धरना देकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। किसानों ने तीन कृषि कानून की वापसी बिजली का किराया माफ करने प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा देने और सरकारी जमीन पर काबिज किसानों की गिरदावरी बहाल करने की माग की।
संवाद सहयोगी, हीरानगर : राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिवदेव सिंह के नेतृत्व में मढ़ीन क्षेत्र में के किसानों ने बुधवार को भी तहसील कार्यालय के बाहर धरना देकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। किसानों ने तीन कृषि कानून की वापसी, बिजली का किराया माफ करने, प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा देने और सरकारी जमीन पर काबिज किसानों की गिरदावरी बहाल करने की माग की। शिवदेव सिंह ने कहा कि उनका संगठन अपनी मागों को लेकर 12 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहा है, लेनिक अभी तक किसी ने उनकी माग पर गौर नहीं किया। उन्होने कहा कि मढ़ीन क्षेत्र में अधिकतर किसान पंप सेटों से सिंचाई करते हैं और साल में तीन चार माह ही मोटर चलाते हैं, लेकिन बिजली विभाग ने किसानों के पर लाखों रुपये बिजली किराया निकाल दिया है, जिसे चुकाने में वह असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन कृषि कानून लागू किए हैं, वो किसानों के हित में नहीं। देश भर के किसान दस माह से आदोलन चला रहे हैं। सरकार को कानून वापस लेने चाहिए। वहीं धर्मपाल कुंडल मखनी बंदराल ने कहा कि हीरानगर उप मंडल में हजारों किसान 50 साल से सरकारी जमीन पर खेती कर रहे हैं। जिन्हें मालिकाना हक देने के बजाए उनकी गिरदावरी भी खारिज कर दी गई हैं।अब वह न तो अपना अनाज मंडियों में बेच सकते हैं और न ही केसीसी पर लोन ले सकते हैं। सरकार को प्रत्येक परिवार को छह एकड़ जमीन अलाट करनी चाहिए। उन्होने कहा एक तरफ सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात करती है तो दूसरी तरफ नए-नए लागू कर किसानों की मुश्किलें बढ़ा रही है। सरकार को नए कानून वापस लेकर किसानों को राहत पहुंचानी चाहिए। उन्होने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मागें पूरी नहीं करती आदोलन जारी रहेगा। धरने पर बैठने वालेां में नागर मल बाबू सिंह राकेश शर्मा पूर्ण चंद लाल चंद शामिल रहे।