डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल
जागरण संवाददाता, कठुआ : रियासी में डीसी व डॉक्टर विवाद के बीच विवाद को लेकर जिला अस्पताल मे
जागरण संवाददाता, कठुआ : रियासी में डीसी व डॉक्टर विवाद के बीच विवाद को लेकर जिला अस्पताल में दूसरे दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। ओपीडी सेवाएं बंद रहने से दूसरे दिन भी लगातार सैकड़ों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। अस्पताल में प्रतिदिन 800 के करीब मरीज ओपीडी होती है। जिससे मरीजों को दूसरे दिन भी बिना इलाज किए निराश होकर वापस लौटना पड़ा। जिला अस्पताल में हड़ताल के चलते हड्डियों, फिजिशियन, बाल रोग, सर्जन, स्त्री रोग, आंखों व कान, नाक एवं गला रोग विशेषज्ञों की ओपीडी सेवाएं दूसरे दिन भी नहीं मिलने से मरीज बेहाल रहे। ऐसी स्थिति में गंभीर रूप से बीमार मरीजों को निजी अस्पतालों में रुख करना पड़ रहा है, हालांकि अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं बहाल हैं। ओपीडी बंद होने के कारण जहां पर अब मरीजों की संख्या रूटीन से बढ़ गई हैं। इमरजेंसी ऑपरेशन भी हो रहे हैं,लेकिन रूटीन के ऑपरेशन नहीं किए जा रहे हैं। हड़ताली डॉक्टरों ने हड़ताल को सफल बनाने के लिए जिला अस्पताल में पंजीकरण काउंटर पर जाकर उसे बंद कराया और खुद भी उनके पास इलाज के लिए आने वाले मरीजों को वापस लौटने के लिए कहा। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हड़ताल जम्मू से डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर है, जब तक वहां से कोई अगली सूचना नहीं आती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। हड़ताल पर बैठे डॉ. महेंद्र नाथ ने बताया कि रियासी में उनके साथी डॉक्टर के साथ जो हुआ है, वह निंदनीय है। सरकार को उसका संज्ञान लेना होगा।
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मुझे खून की कमी है। जिसके चलते खून चढ़ाने के लिए डॉक्टर ने बुलाया था, लेकिन हड़ताल के चलते उसे भारी परेशानी हो रही है,वह पहले से ही कमजोर है,रोज आना उसके लिए मुसीबत बन गया है।
- प्रभु दयाल, नगरी
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वह अपने बच्चे के टूटे पैर का पक्का प्लास्टर कराने अस्पताल पहुंची थी, इससे पहले जहां बच्चे के पैर को कच्चा प्लास्टर किया गया था, अब उसे पक्का प्लास्टर होना था लेकिन उसे वापस लौटना पड़ रहा है, अब कब हड़ताल समाप्त होगी, उनके लिए परेशानी बनी है।
- वीना देवी, सरमाल
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वह अपने बीमार बच्चे को दिखाने पहुंची थी, लेकिन जहां आकर पता चला कि हड़ताल है, अब उसे कहीं और दिखाना पड़ेगा, हड़ताल के चलते उसे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
- ममता, राजबाग
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वह दो दिन से लगातार जिला अस्पताल में डॉक्टर को ओपीडी में दिखाने आ रही है, लेकिन हड़ताल के चलते उसे परेशानियों के अलावा प्रतिदिन दो हजार रुपये किराया भी वाहन का देना पड़ता है, क्योंकि वह बिना वाहन किए अस्पताल में नहीं पहुंच सकती है।
-नेहा, छब्बे चक