टिड्डी दल के खतरे की रोकथाम के लिए कृषि विभाग सक्रिय
कठुआ जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में फसलों पर टिड्डी दल के हमले से पहले कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, कठुआ : कठुआ जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में फसलों पर टिड्डी दल के हमले से पहले कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को कृषि अधिकारियों की एक टीम ने सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया। इसमें जिला कृषि विभाग के मुख्य अधिकारी अरुण गुप्ता, जिला कृषि अधिकारी एक्सटेंशन संजीव राय गुप्ता, जिला नोडल अधिकारी, टिड्डी प्रबंधन समिति अनिल गुप्ता, एसडीएओ दियालाचक मनोहर लाल शर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ के वैज्ञानिक डॉ. बृजेश अरावत आदि शामिल रहे।
सब डिवीजन दियालाचक के जोन राजबाग और मढ़ीन के अंतर्गत पड़ने वाले ग्राम कोट्टपुन्नू, महराजपुर, चंद्राचक में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिला कृषि अधिकारी एक्सटेंशन संजीव राय गुप्ता ने किसानों को बताया कि टिड्डियों के संभावित खतरे का प्रबंधन करने के लिए जिला और सब-डिविजनल स्तर पर टिड्डी प्रबंधन कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी किसानों को टिड्डियों के संभावित खतरे के प्रति आगाह करने और उससे फसलों को बचाने के तरीके बताएगी। किसी को कहीं टिड्डियों की आहट मिले तो कृषि विभाग को तुरंत रिपोर्ट करें। 3500 लोगों का भोजन खा सकता है 40 लाख टिड्डे का दल जिला नोडल अधिकारी ने कहा कि टिड्डी एक दिन में 130 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकती है और 40 लाख टिड्डे 3500 व्यक्तियों का भोजन खा सकते हैं। 3 मई के दौरान राजस्थान, हरियाणा में टिड्डियों का हमला पहले से ही देखा जा रहा था। उन्होंने कहा कि टिड्डे दिन के समय फसल को नुकसान पहुंचाते हैं और रात में पेड़ और वनस्पति पर आराम करते हैं। इसलिए सुबह छह से 10 बजे कीटनाशक स्प्रे का उपयोग करके आराम करने वाले स्वर को नष्ट किया जा सकता है। एसडीओ दियालाचक ने कहा कि जब झुंड किसानों के खेत में उतरने की कोशिश कर रहा हो, तब ढोल औ बर्तन बजाकर, संगीत बजा कर, बिना साइलेंसर ट्रैक्टर चलाकर या किसी हाई पिच साउंड से टिड्डे को खदेड़ा जा सकता है। इन रसायनों के छिड़काव की सलाह कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि टिड्डियों से फसल को बचाने के लिए क्लोरो पायरीफॉस 20 ईसी 1200 मिली प्रति हेक्टेयर और मैलाथियॉन 50 ईसी 1850 मिली प्रति हेक्टेयर और लाम्डा साइहलोथ्रिन 5 ईसी 400 मिली प्रति हेक्टेयर में स्प्रे किया जा सकता है। जागरूकता कार्यक्रम के लिए आई कृषि अधिकारियों की टीम में जिला और उप-विभागीय स्तर के टिड्डे प्रबंधन समिति के सदस्य, •ाोन मढ़ीन के कृषि एक्सटेंशन अधिकारी, राजबाग और संबंधित पंचायतों के कृषि विस्तार सहायक के साथ रहे।