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ब्यूटी पार्लर के बाहर उमड़ रही महिलाओं की भीड़

करवा चौथ त्योहार में एक दिन ही बचे है। पति पत्नी के बीच प्रेम को मजबूत बनाए रखने के संकल्प से जुड़े इस पर्व को लेकर सुहागिन महिलाओं में भारी उत्साह है। बाजारों में खरीदारी के लिए उमड़ रही भीड़ से बाजार में हर तरफ चहल-पहल नजर आ रही है। शुक्रवार को ब्यूटी पार्लर के बाहर नई नवेली दुल्हन सहित युवतियों की काफी भीड़ रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 08:37 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 08:37 AM (IST)
ब्यूटी पार्लर के बाहर उमड़ रही महिलाओं की भीड़
ब्यूटी पार्लर के बाहर उमड़ रही महिलाओं की भीड़

जागरण संवाददाता,कठुआ : करवा चौथ त्योहार में एक दिन ही बचे है। पति पत्नी के बीच प्रेम को मजबूत बनाए रखने के संकल्प से जुड़े इस पर्व को लेकर सुहागिन महिलाओं में भारी उत्साह है। बाजारों में खरीदारी के लिए उमड़ रही भीड़ से बाजार में हर तरफ चहल-पहल नजर आ रही है। शुक्रवार को ब्यूटी पार्लर के बाहर नई नवेली दुल्हन सहित युवतियों की काफी भीड़ रही। इसके अलावा मेहंदी बाजार में जगह-जगह स्टाल लगाकर मेहंदी साज के पास भी काफी संख्या में महिलाएं नजर आई। वहीं कोरोना महामारी के कारण करीब एक साल से अधिक समय से मंदी झेल रहे दुकानदारों का कहना था कि इस करवाचौथ पर्व बाजार में ग्राहकों की भीड़ देखने को मिल रही है। इस बार उन्हें अच्छी बिक्री होने की उम्मीद है।

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बाजारों में बीते एक सप्ताह से महिलाओं की खरीदारी के लिए सुबह से शाम तक विशेषकर कपड़ा एवं मनियारी की दुकान पर भीड़ जमी है।

करवाचौथ व्रत महिलाओं का मुख्य रूप से अपने पति के लिए सजने संवरने का है। इस विशेष दिन पर महिलाएं सजती और संवरती हैं। इसमें नई चूड़ियां पहने का विशेष महत्व है, जो मुख्य परंपरा है। हालांकि बदलते परिवेश में महिलाएं नया सूट पहनने का शगुन मानने लगी हैं। आर्थिक रूप से संपन्न महिलाओं ने इस पर्व पर जेवर खरीदना शुभ मानती है। इतना ही नहीं, नई नवेली दुल्हन और तय हो चुकी शादी में बनने वाली दुल्हन के अभिभावक एवं ससुराल पक्ष के लोग भी इस पर्व पर उन्हें त्योहार भेज कर खुशी में शामिल होने का अहसास कराते हैं। इसके चलते फलों, मिठाई, ड्राई फ्रूट आदि की दुकानों में भी महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है। सामाजिक तौर पर महिलाएं मोहल्लों में निकट संबंधियों को भी व्रत की सामग्री, जिसमें फेनियां, मिठाई, फल, चूड़ियां एवं श्रृंगार का सामान अदान प्रदान भी करती हैं। इसलिए शहर के बाजार में फेनियों, मिठाई, फल, नारियल आदि के स्टाल भी नजर आ रहे हैं। हाथों में मेहंदी लगाने वाले भी जगह-जगह अपने स्टाल लगा कर बैठे रहते हैं। कुल मिलाकर करवाचौथ का पर्व डुग्गर परंपरा में एक बड़े सामाजिक एवं धार्मिक पर्व की तरह मनाया जाता है। इसमें पति पत्नी के प्रेम संबधों को हमेशा बने रहने एवं पति की दीर्घायु के लिए दुआएं की जाती है। इसके लिए महिलाएं पूरा दिन निर्जल व्रत रखती है।


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